सीएसजेएमयू में बनेगा मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल
- यूनिवर्सिटी कैंपस में बनेगा मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल
- हेल्थ सेंटर भी होगा मर्ज, तुरंत मिल सकेगा इलाज हाईलाइटस - 100 बेड की क्षमता के साथ आधुनिक संसाधन होंगे - नर्सिंग कॉलेज खुलने और पैरामेडिकल संबंधी नए पाठ्यक्रमों के संचालन का बनेगा रास्ता KANPUR: अब बीएचयू के तर्ज पर सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में भी हॉस्पिटल बनेगा। जो कि 100 बेड का मल्टीस्पेशिलिटी होगा। यूनिवर्सिटी इसे प्राइवेट हाथों के जरिए इसे संचालित कराएगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। फिलहाल हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। सांसों का संकट देखकर लिया फैसला संडे को इसे लेकर यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई। मेंअब सांसों का संकट नहीं होने देगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाया जाएगा। कोविड 19 के आउटब्रेक से बनी स्थितियों को देखते हुए वाइस चांसलर प्रो। विनय पाठक ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस के प्रभारी व अन्य फैकल्टी के साथ इसे लेकर विस्तार से चर्चा की है। यूनिवर्सिटी में अस्पताल बनने से आमजन से लेकर शिक्षकों, छात्रों, कर्मियों व उनके परिवार के सदस्यों को फौरन इलाज मिल सकेगा।
क्यों पड़ी जरूरतकोरोना महामारी की इस दूसरी और घातक लहर में शहर की स्थिति एक समय बेहद भयावह हो गई थी। अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन की कमी के चलते कई लोगों ने दम तोड़ दिया। भविष्य में इस तरह की स्थिति भगवान करे कभी न हो। इसलिए यह फैसला लिया गया।
फेमस ग्रुप को जिम्मेदारी कैंपस में यूनिवर्सिटी की ओर से बिल्डिंग बनाने की योजना है, जबकि इसके संचालन की जिम्मेदारी चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी रहने वाले नामचीन व्यावसायिक समूहों को देने पर बात हुई है। यही नहीं, आईआईटी कानपुर व बीएचयू में अस्पताल संचालन का जो खाका खींचा गया, उसी की तरह सीएसजेएमयू में अस्पताल बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है। अस्पताल की क्षमता, 100 बेड की होगी। साथ ही, मौजूदा समय में जो स्वास्थ्य केंद्र यहां संचालित है उसे अस्पताल में ही मर्ज कर दिया जाएगा। नर्सिंग कॉलेज व पैरामेडिकल के नए कोर्स शुरू हो सकेंगे यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेस के प्रभारी डॉ। प्रवीण कटियार ने बताया कि अगर यूनिवर्सिटी में हॉस्पिटल बनता है तो इससे यूनिवर्सिटी में नर्सिग कॉलेज खुलने व पैरामेडिकल से जुड़े नए सिलेबस के संचालन का भी रास्ता बन जाएगा। उन्होंने कहा, कि कैंपस में आसानी से अस्पताल बन सकता है। बोले, भवन निर्माण में दो से ढाई करोड़ रुपए खर्च होंगे।यूनिवर्सिटी कैंपस में अस्पताल बनाने को लेकर चर्चा की है। विचार-विमर्श का दौर भी जारी है। मौजूदा स्थितियों को देखते हुए इसकी आवश्यकता लगती है। इसलिए, इस दिशा में काम करेंगे।
- प्रो.विनय पाठक, कुलपति, सीएसजेएमयू