बवाल का फाइनेंसर मुख्तार बाबा गिरफ्तार
कानपुर (ब्यूरो) ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने मुख्तार की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पुलिस अब जांच में जुटी है कि आखिर मुख्तार ने कानपुर हिंसा में कितना पैसा फंड किया और किसको-किसको पैसा बांटा? कानपुर हिंसा के पीछे और कौन लोग शामिल हैं? वहीं पुलिस मुख्तार बाबा से पूछताछ में जुटी हुई है।
बाबा बिरयानी में होती थी प्लानिंगमुख्तार बाबा कानपुर में बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट चलाता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बेकनगंज स्थित रेस्टोरेंट में बैठकर ही दर्जनों बार कानपुर हिंसा की प्लानिंग की गई। यहां पैसों के लेनदेन के कई सुबूत भी पुलिस के हाथ लगे हैं। पुख्ता जानकारी के बाद ही पुलिस ने मुख्तार बाबा को अरेस्ट किया है।
शत्रु संपत्ति जांच में नहीं हुआ पेश
बेकनगंज में जहां बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट संचालित होता है, वो शत्रु संपत्ति है। शत्रु संपत्ति की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। कलेक्ट्रेट में सोमवार को संपत्ति से जुड़ी जांच के लिए मुख्तार बाबा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था, लेकिन कमेटी के सामने सिर्फ मुख्तार के वकील ही पेश हुए थे। गिरफ्तारी की आशंका से बचने के लिए मुख्तार छिपता फिर रहा था।
मंदिर की जमीन बिरयानी रेस्टोरेंट
मुख्तार बाबा ने जहां बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट खोला है, उस पर रामजानकी मंदिर पहले बना हुआ था। मंदिर की जमीन को कब्जाकर वहां बिरयानी पकवाता है। हिंसा से पहले महापौर प्रमिला पांडेय ने भी यहां छापेमारी कर मंदिर की स्थिति को देखा था।
कानपुर हिंसा मामले में गठित एसआईटी ने अभी तक 58 आरोपियों को अरेस्ट किया है। इसमें एक नाबालिग ने थाने में सरेंडर भी किया था। मुख्तार बाबा की 59 वीं गिरफ्तारी है। 11 दिन बाद पुलिस ने मुख्तार बाबा को अरेस्ट किया है। इससे पहले पुलिस ने पूर्व सपा नेता निजाम कुरैशी को गिरफ्तार किया था। हिंसा में कुल 7 एफआईआर
कानपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने मामले में बेकनगंज थाने में 3 एफआईआर दर्ज की थी। इसमें 43 लोगों को नामजद और 1000 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले लोगों के खिलाफ 4 एफआईआर दर्ज की गई। हिंसा से जुड़ी 3 एफआईआर की विवेचना एसआईटी कर रही है।
बिल्डर भी हो सकता है अरेस्ट
एसआईटी की टीम कानपुर हिंसा में फंडिंग एंगल पर भी जांच कर रही है। हिंसा के मुख्य आरोपियों ने कई नाम बताए हैं। इसमें एक बड़े बिल्डर का भी नाम सामने आया था। पुलिस जल्द गिरफ्तारी कर सकती है। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो इन बिल्डर महोदय ने पहले ही सेटिंग कर ली है। इस वजह से इनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है।
हयात को फंडिंग करने वाले एक सफेदपोश से पूरी रात पूछताछ की गई। पुलिस सूत्रों की माने तो देर शाम इस सफेदपोश को इंट्रोगेशन के लिए बुलाया गया था, जिससे फंडिंग के संबंध में जानकारी ली गई। पहले तो इस सफेदपोश ने साफ इनकार कर दिया लेकिन धीरे धीरे जब इविडेंस दिखाकर जानकारी ली गई तो इन महाशय की जुबान लडख़ड़ाने लगी, चूंकि सफेदपोश का बयान टेप किया जा रहा था, लिहाजा इन महाशय ने हयात जफर हाशमी से अपने संबंध तो स्वीकार कर लिए, रुपये के लेन देन की बात भी मान गए लेकिन इससे आगे बात करने के दौरान ब्लड प्रेशर हाई होने की बात कहने लगे। फिलहाल इन सपेदपोश को अभी तक क्लीनचिट नहीं दी गई है।