आईआईटी से अब साइबर सिक्योरिटी में कर सकेंगे एमटेक
- साइबर सिक्योरिटी से एमटेक कोर्स को ई-सीनेट ने स्वीकृति दे दी है
-जेईई एडवांस्ड में सुपर न्यूमरेरी के अंतर्गत 20 परसेंट स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी KANPUR (12 Nov): आईआईटी कानपुर में साइबर सिक्योरिटी से एमटेक कोर्स आप कर सकेंगे। थर्सडे को ई-सीनेट ने इसके लिए परमिशन दे दी है। जल्द ही इस प्रस्ताव को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद कोर्स की अगले साल से शुरुआत हो सकेगी। इसके साथ ही जेईई एडवांस्ड में सुपर न्यूमरेरी के अंतर्गत 20 परसेंट स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने के निर्णय पर मुहर लगी है।कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सीनेट की बैठक ऑनलाइन हो रही है। ई-सीनेट में प्रस्तावों पर विभागाध्यक्ष, फैकल्टी और संस्थान के अन्य अधिकारी अपनी राय देते हैं। इस बार साइबर सिक्योरिटी से एमटेक कोर्स चालू कराने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर ज्यादातर ने रजामंदी जता दी। कुछ फैकल्टी ने कोर्स क्रेडिट्स को लेकर सवाल रखे। बताया गया कि एमटेक इन साइबर सिक्योरिटी नए तरह का कोर्स रहेगा, इससे साइबर सुरक्षा के अधिक से अधिक विशेषज्ञ निकलेंगे और लोगों को जागरूक किया जाएगा। डिजिटल भारत के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है.लोग मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
45 से 60 होंगी सीटेंएमटेक के कोर्स में शुरुआत में 45 से 60 सीटें रहेंगी। इसकी संख्या प्रारंभिक तौर पर कम होंगी। धीरे-धीरे इनको बढ़ाया जा सकेगा।
आईआईटी कानपुर आगे साइबर सिक्योरिटी के मामले में आईआईटी कानपुर अन्य संस्थानों के मुकाबले बहुत आगे है। यहां परम संगणक नाम का सुपर कंप्यूटर पहले ही लग चुका है। सीएसएडब्ल्यू नाम से कॉम्पटीशन आईआईटी कानपुर ही आयोजित करता है। सस्टेनेबल एनर्जी विभाग पर सहमति नहीं ई-सीनेट में सस्टेनेबल एनर्जी के नए विभाग का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उस पर सहमति नहीं बनी। ई-सीनेट ने अभी इसके महत्व, डिमांड और उपयोगिता पर जानकारी जुटाने को कहा है। इसका निर्धारण नेशनल एडवाइजरी कमेटी करेगी। इस कमेटी में कई प्रमुख तकनीकी संस्थान और सस्टेनेबल एनर्जी के क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट्स शामिल होंगे। सस्टेनेबल एनर्जी सौर व अक्षय ऊर्जा से संबंधित है।