मर्डोक करेंगे सामना संसदीय समिति का
ये समिति इस अख़बार की पूर्व संपादक रेबेका ब्रुक्स से भी सवाल जवाब करेगी। रेबेका ब्रुक्स ने हाल ही में इस्तीफ़ा दिया है और फिर उनकी गिरफ़्तारी भी हुई।
इन लोगों की पेशी उस वक्त हो रही है जब बीते सप्ताह इस मामले में लंदन के दो सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी इस्तीफ़ा देना पड़ा है। प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पर भी इस विवाद को लेकर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।अभूतपूर्वये पेशी ज़ाहिर है अभूतपूर्व होगी। पिछले तीन दशकों से रूपर्ट मर्डोक की ब्रितानी अख़बारों की दुनिया में तूती बोलती रही है। वह जिन सांसदों के सामने आएंगे उनमें से कई शायद रूपर्ट मर्डोक की ताक़त को सम्मान की नज़र से भी देखते रहे हों। हालांकि समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि ये समिति 'ख़ून की प्यासी उत्तेजित भीड़' की तरह नहीं होगी लेकिन सांसद इस पूरे विवाद की तह तक जाने के लिए बेताब हैं।
वे जानना चाहेंगे कि आख़िर पूरा घटनाक्रम क्या था, कब से शुरू हुआ और किसे किस समय क्या मालूम था। इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है इसलिए ये कह पाना मुश्किल है कि ये तीन लोग कितना कुछ इस समिति को बताना चाहेंगे।
गंभीरये विवाद इतना गंभीर हो चुका है कि प्रधानमंत्री कैमरन को अपनी अफ्रीका की यात्रा को बीच में ही छोड़कर देश लौटना पड़ा है। सवाल प्रधानमंत्री पर भी उठ रहे हैं कि उन्होंने कैसे विवाद के केन्द्र में रहे अख़बार 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' के पूर्व संपादक को अपना संचार निदेशक नियुक्त कर दिया था।
ब्रिटेन की सबसे बड़ी पुलिस बल के लिए भी ये संकट की घड़ी है क्योंकि हैकिंग विवाद ने उनकी छवि पर भी दाग़ लगाया है। जिन दो सबसे वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा़ दिया है उनपर आरोप है कि वे रूपर्ट मर्डोक के मीडिया साम्राज्य के बेहद नज़दीक थे।मौतउधर सोमवार को 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' के पूर्व पत्रकार और फ़ोन हैकिंग मामले को उजागर करने वाले शॉन होर की मौत हो गई है। शॉन होर ने ही सबसे पहले ये आरोप लगाया था कि 'न्यूज़ आफ़ द वर्ल्ड' अख़बार के पत्रकार ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से लोगों के फ़ोन हैक कर रहें हैं।होर ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' अख़बार से कहा था कि फ़ोन हैकिंग का मामला उससे बहुत ज़्यादा गहरा है जितना कि फ़ोन हैकिंग करने वाले अख़बार 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' का प्रबंधन स्वीकार कर रहा है जब पुलिस ने पहली बार फ़ोन हैकिंग मामले की जांच शुरू की।
होर ने बीबीसी से एक मुलाक़ात के दौरान कहा था कि 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' अख़बार में फ़ोन हैकिंग 'एन्डेमिक' था और उस समय के संपादक एंडी कॉलसन ने ख़ुद उन्हें फ़ोन हैक करने को कहा था। हालाकि एंडी कॉलसन ने इस बात से इनकार किया है।