वेडनेसडे से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस बार माता का आगमन नौका पर हो रहा है जो समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. प्रथम दिन मां शैलपुत्री का शृंगार और पूजन देवी मंदिरों के साथ घरों में भी किया जाएगा. इसके मंगलवार को ही तपेश्वरी बारादेवी मंदिर जंगली देवी आशा देवी काली मठिया सहित अन्य देवी मंदिरों में साफ-सफाई और सजावट की गई. मंदिरों में देर रात तक बैरीकेङ्क्षडग सीसी कैमरों के साथ सुरक्षा व्यवस्था और सजावट का काम चलता रहा.


कानपुर (ब्यूरो) बारादेवी मंदिर में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं अलग-अलग लाइनों से दर्शन कराने की तैयारी पूरी हो गई। महिलाओं के लिए एंट्री व एग्जिट की अलग व्यवस्था की गई है। पुजारी मनीष व विशाल के मुताबिक मां के दर्शन के लिए महिलाओं की निकासी के बाद ही पुरुषों को प्रवेश मिलेगा। मंदिर परिसर में एक साथ महिला और पुरुष भक्तों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस और वालंटियर्स तैनात रहेंगे। जंगली देवी मंदिर के प्रबंधक पंडित विजय त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर में भोर पहर मां को चुनरी अर्पित कर आरती पूजन किया जाएगा। मां के दर्शन को मंदिर परिसर में पुरुष और महिलाओं के लिए को अलग-अलग लाइन की व्यवस्था की जा रही है।

सुख-शांति और समृद्धि
नवरात्र की शुरुआत कलश स्थापना से की जाती है। इसमें कलश को सुख समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला और मंगलकारी माना जाता है। पहले दिन घर-घर में कलश स्थापना कर पूजन किया जाएगा। आचार्य अमरेश मिश्र ने बताया कि देवी मां की आराधना और आरती पूजन नवरात्र में करने से भक्तों को समृद्धि की प्राप्ति होती है। कलश स्थापना से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है और सकारात्मक ऊर्जा के संचार से सुख शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।

Posted By: Inextlive