शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन देवी मंदिरों में मां के जयकारों की गूंज रही. भोर पहर मंदिर के पट खुलते ही भक्तों के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया. जोर से बोलो जय माता दी... के जयकारों के बीच भक्तों ने बारी-बारी मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि और परिवार के कल्याण की कामना की. बारादेवी मंदिर की तरह जंगली देवी मंदिर तपेश्वरी मंदिर और काली मठिया मंदिर में भी भक्तों ने देवी मां के दर्शन किए. कल्याणपुर के आशा माता मंदिर मंधना के राहू माता मंदिर तथा नारामऊ और दामोदर नगर के वैष्णो माता मंदिर में भक्तों ने मां को चुनरी अर्पित की.


कानपुर (ब्यूरो) मां के प्रथम रूप शैलपुत्री के पूजन के साथ घर-घर कलश पूजन किया और भक्तों ने व्रत की शुरुआत की। बारादेवी स्थित प्राचीन देवी मंदिर में भोर पहर चार बजे मंदिर के पट आरती के बाद खुले। भक्तों ने मां जगदंबा का जयकारा लगाते हुए मां के मनोहारी स्वरूप के दर्शन किए और श्रीफल तथा चुनरी मां को अर्पित की। बारादेवी मंदिर और जंगली देवी मंदिर में शहर के साथ आसपास जिलों के भक्त भी बड़ी संख्या में दर्शन को पहुंचे।

कोरोना खत्म के बाद भक्तों में उत्साह
बैरिकेङ्क्षडग के जरिए मंदिर परिसर में महिला और पुरुष भक्तों की टोली को एक बार में प्रवेश दिया गया। वहीं, बर्रा और नारामऊ स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर, शास्त्री नगर स्थित काली मठिया मंदिर, बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी देवी मंदिर में भी भक्तों की कतार मां के दर्शन को लगी रही। दो साल कोरोना की बंदिशों में रहने के बाद इस साल भक्त पूरे श्रद्धाभाव से मां का स्मरण पूजन कर रहे हैं। गोङ्क्षवद नगर स्थित श्री दुर्गा मंदिर समिति की ओर से मंदिर में भजन कीर्तन किया गया। इसमें भजन गायक पंडित मंजुल दत्त शर्मा ने मां के भजनों की गंगा प्रवाहित की।

Posted By: Inextlive