रोड एक्सीडेंट को लेकर ज्यादातर लोग खराब रोड्स अंधेरा या फिर ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही को दोष देते हैं. लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि इसके लिए हम खुद कितना दोषी हैं? एक्सीडेंट के आंकड़े बताते हैं कि एक्सीडेंट और उनमें होने वाली मौतों के लिए हम खुद भी जिम्मेदार हैं. क्योंकि 30 परसेंट रोड एक्सीडेंट ड्रंक एंड ड्राइव के कारण होते हैं. बीते दिनों साढ़ हादसे में 26 मौत की असली वजह भी यही थी. ड्राइवर शराब पीकर ट्रैक्टर चला रहा था. अब बात आती है इसे रोकने के लिए ट्रैफिक विभाग के पास क्या इंतजाम हैं और क्या करता है विभाग.

कानपुर (ब्यूरो) ट्रैफिक डिपार्टमेंट के सर्वे में सामने आया है कि एक्सीडेंट का बड़ा कारण ड्रिंक एंड ड्राइव भी है। आंकड़ों के मुताबिक हर महीने एक्सीडेंट में लगभग सात मौतें ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से होती हैं। ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से होने वाली मौतें पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक व आरटीओ डिपार्टमेंट समय-समय पर अवेयनेस प्रोग्राम भी आर्गनाइज करता है। चालान करता है लेकिन इस पर पूरी तरह लगाम तभी लगेगी जब हम ठान लेंगे कि नशा कर गाड़ी नहीं चलाएंगे। पार्टी या फिर शुभ समारोह में कभी कदार भी ड्रिंक करते हैं तो खुद गाड़ी चलाकर न लौटें। ऐसी स्थिति के लिए ड्राइवर साथ लेकर जाएं।

498 से अधिक पर कार्रवाई
ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक जनवरी 2022 से सितंबर तक विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में 498 से अधिक लोगों पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा बीते नौ माह में 10 से अधिक अवेयर कैंप विभिन्न डिपार्टमेंट व कॉलेज में आयोजित किए गए है। जिसमें ट्रैफिक नियमों की जानकारी देने के साथ ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर अवेयर किया गया।

लगातार बढ़ रहे मामले
अधिकारियों की मानें तो ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले लगातार बढ़ रहे है। यहीं कारण है कि कानपुर यूपी ही नहीं पूरे देश में एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में पहले पायदान में है। इसमें ट्रैफिक पुलिस का भी लचर रवैया है जो नियमित चेकिंग करने की बजाए सिर्फ फेस्टिवल के समय ही अभियान चलाती है।
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ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में पकड़े जाने पर 10 हजार रुपए का फाइन लगाया जाता है। जिससे वह दोबारा यह अपराध न करे। समय-समय पर अवेयनेस कैम्प भी लगाए जाते हैं। लोगों को खुद भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
मनोज कुमार पांडेय, एडीसीपी ट्रैफिक

ब्रीद एनालाइजर से
ट्रैफिक अधिकारियों के मुताबिक डिं्रक एंड ड्राइव के मामले में ब्रीथ एनालाइजर मशीन से अल्कोहल की जांच की जाती है। मशीन में 97 पैरामीटर से अधिक अल्कोहल शो होने पर ही जुर्माना लगाया जाता है। ट्रैफिक स्टाफ के पास हैंड प्रिंटर भी होता है। जिसे एक स्लिप निकाल कर उस व्यक्ति को दी जाती है। जिस पर जुर्माना लगाया गया है।

Posted By: Inextlive