ई-बसों की सवारी जेब पर पड़ रही भारी
कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर में एक माह पूर्व ही संचालित हुई ई-बसों कानपुराइट्स को काफी भा रही है, लेकिन बस कंडक्टर्स की मनमानी से कहीं कानपुराइट्स इन बसों से दूरी न बना लें। बसों के कंडक्टर्स की लापरवाही और सीएनसी व ई-बस की टिकट में डिस्टेंस अधिक होने से पैसेंजर्स अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। ई-बसों के संचालकों ने अगर अभी इस खामियों को दूर नहीं किया तो यह समस्या बड़ी हो सकती है।
यह समस्या अधिकतर लोगों के साथ
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एक रीडर ने सोशल मीडिया के जरिए शिकायत कर बताया कि संडे को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे वह ट्रैफिक लाइन के सामने से कोकाकोला चौराहे के लिए ई-बस नंबर यूपी 78 जीटी 3995 पर बैठी थी। बस के कंडक्टर ने उनको टिकट ट्रैफिक लाइन से कोकाकोला बनाने की बजाए पीएसी मोड से रावतपुर तक बनाकर उनसे 22 रुपए किराया वसूल किया। जब उन्होने प्रिंटेड टिकट देखा तो उन्होने पीएसी मोड़ से टिकट काटने का विरोध किया तो कंडक्टर ने उनको यह कह कर चुप करा दिया कि पीएसी मोड़ से टाटमिल तक कोई स्टॉपेज नहीं है। वहीं कोकाकोला चौराहा से लेकर रावतपुर चौराहा तक कोई स्टॉपेज नहीं हैं। पैसेंजर्स ने बताया कि यह समस्या सिर्फ उनके साथ नहीं थी बल्कि बस में सफर करने वाले अधिकतर लोगों के साथ थी।
बाबूपुरवा निवासी रिजवान ने बताया कि वह डेली झकरकटी बस अड्डे से यूनिवर्सिटी जाते हैं। उन्होने बताया वह डेली केसीटीएसएल की सीएनजी बस से जाते थे। जिसकी टिकट में झकरकटी से यूनिवर्सिटी का डिस्टेंस 9 किमी शो करता है। इसका फेयर 18 रुपए है। ई-बस का सफर किया तो टिकट में झकरकटी से यूनिवर्सिटी का डिस्टेंस 11 किमी प्रिंट है। वहीं किराया सीएनजी बस से 4 रुपए अधिक 22 रुपए था। उन्होने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दोनों ही सीएनजी व ई-बस का संचालन केसीटीएसएल कंपनी कर रही है तो दोनों बसों की टिकट में एक ही स्थान का तीन किमी का डिस्टेंस कैसे टिकट में प्रिंट हो रहा है। && ऐसा हो नहीं सकता है। आप टिकट मुझे व्हाटसअप कर दीजिए। मै दिखवाता हूं क्या समस्या है। अगर ऐसा है तो उसमें तत्काल सुधार किया जाएगा.&य&य
डीवी सिंह, आरएम, केसीटीएसएल