लॉकडाउन हटने का है इंतजार, रफ्तार पकड़ेगा मोबाइल बाजार
-लॉकडाउन में लोगों को पता चली स्मार्ट फोन की अहमियत, बिजनेस से लेकर ऑनलाइन क्लासेस तक चल रहीं फोन पर, वर्क फ्रॉम होम भी मोबाइल के सहारे
-लॉकडाउन हटते ही मोबाइल बाजार में छाएगी बहार, यूपी की सबसे बड़ी मार्केट में शुमार है कानपुर की मोबाइल मार्केट, चार हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी शॉप्सKANPUR: कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में हर एक फैमिली मेंबर का सबसे करीब हमसफर स्मार्ट सेलफोन बना हुआ है। स्मार्ट फोन न सिर्फ उन्हें देश और दुनिया की हर जानकारी दे रहा है बल्कि सेलफोन की वजह से ही लाखों लोग वर्क फ्रॉम होम कर पा रहे हैं। अहम मीटिंग्स भी सेलफोन पर हो रही हैं। यही नहीं अब तो सेलफोन क्लास रूम से लेकर किचन तक पहुंच चुका है। जहां महिलाएं लॉकडाउन की वजह से घर में मौजूद फैमिली मेंबर्स के लिए सेलफोन पर जानकारियां लेकर नई-नई रेसिपी बना रही हैं। वहीं बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस भी स्मार्ट फोन के सहारे चल रही हैं। इसके बाद भी कोरोना के कहर से मोबाइल मार्केट बुरी तरह घायल है। लॉकडाउन के बाद से सिटी का मोबाइल बाजार ठप है। इससे जुड़े लाखों लोग घर पर खाली बैठे हैं। लेकिन लॉकडाउन में स्मार्ट फोन ने जिस तरह लोगों का साथ दिया है उससे पूरी उम्मीद है कि लॉकडाउन के बाद स्मार्ट फोन की घंटी तेजी से बजेगी और मार्केट में बूम आएगा। जो लॉकडाउन में हो रहे नुकसान की भरपाई काफी हद तक कर पाएगा।
इकोनॉमी पर गहरा असर कोरोना वायरस का इकोनॉमी पर गहरा इंपैक्ट पड़ रहा है। खासतौर से वह सामान जो कि चीन और पूर्वी एशियाई देशों से इंपोर्ट किया जाता है, उसकी भारी किल्लत हो गई है। मोबाइल मार्केट की ही बात करें तो बीते दो महीने से मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग पर बड़ा असर पड़ा है। मोबाइल पार्ट्स इंपोर्ट नहंी हो पाने की वजह से मोबाइल कंपनियों का स्टॉक खत्म हो रहा है। इसका सीधा असर ऑफलाइन मोबाइल मार्केट पर पड़ा है। कानपुर में मोबाइल की सैकड़ों दुकानो में बिक्री तो लॉकडाउन के पहले ही आधी हो गई थी,लेकिन लॉकडाउन में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। मोबाइल फोन्स की लाचिंग टलीडीकेजी मोबाइल्स के ओनर धर्मेद्र गुप्ता बताते है कि मार्केट में नए स्मार्ट फोन की लांचिंग रुक सी गई है। एक दो कंपनियों को छोड़ ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियों के नए मोबाइल लांच नहीं हो रहे हैं। खासतौर से चाइनीज मोबाइल मार्केट तो तबाह हो गया है। जिनका कुछ वक्त तक मार्केट पर कब्जा था। इन कंपनियों के मोबाइल्स की मैन्युफैक्चरिंग भले ही इंडिया में होती हों, लेकिन मोबाइल के पार्ट्स चीन से ही इंपोर्ट होते हैं। करीब डेढ़ महीने से यह इंपोर्ट रुका हुआ है। जिससे मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि हम मोबाइल फोन के जो आर्डर देते हैं उतने की सप्लाई नहीं हो पा रही है।
यूपी की सबसे बड़ी मार्केट कोरोना वायरस के चलते एक महीने से ज्यादा वक्त से जारी लॉकडाउन के बाद मोबाइल मार्केट धराशाई हो गया है। सोमदत्त प्लाजा और सागर मार्केट कानपुर ही नहीं यूपी में मोबाइल की बड़ी मार्केट में शुमार हैं। जहां रोजाना खासी भीड़ होती है। कानपुर में 4 हजार से ज्यादा छोटी बड़ी मोबाइल्स, एसेसरीज और रिपेयरिंग की शॉप हैं जोकि लॉकडाउन में लगातार बंद है। इससे न सिर्फ दुकानदार बल्कि इससे जुड़ कर रोजगार पाने वाले हजारों लोग भी खाली हो गए हैं। ------------------------------- क्या कहते हैं व्यापारीमोबाइल कंपनियों से सप्लाई नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा अब हमें अपने कस्टमर्स और स्टाफ की हेल्थ के बारे में भी सोचना है। व्यापार पर लॉकडाउन की वजह से काफी असर पड़ा है। फिर भी हम अपने कस्टमर्स के संपर्कमें हैं। - धर्मेद्र कुमार गुप्ता,डीकेजी मोबाइल्स
कोरोना वायरस की वजह से मोबाइल मार्केट पूरी तरह ठंडी पड़ी है। कंपनियां भी मोबाइल सप्लाई नहीं कर पा रही हैं। उनका स्टॉक खत्म हो गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद मार्केट की क्या हालत रहेगी, यह कहना अभी मुश्किल है। - विकास सिंह चौहान, एमआई रिटेलर मोबाइल फोन और कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स की बिक्री में हमारा घाटा 40 से 50 परसेंट तक बढ़ गया है। स्टॉक की भारी शार्टेज है। शॉप नहीं खुलने से इंप्लाइज की सैलरी देना भारी पड़ रहा है। लॉकडाउन के बाद ही मार्केट की स्थिति कुछ ठीक होगी। - निखिल रमानी, सावन ट्रेडर्स हालात बेहद खराब हैं। मोबाइल की बिक्री तो हो नहीं रही है, लेकिन खर्च वहीं है। कस्टमर्स को भी इससे बेहद परेशानी है। इस प्रॉब्लम में हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अब जो घाटा हो रहा है वह कब तक चलेगा इसका अभी कोई पता नहीं। - अमरजीत भाटिया, एमआई डिस्ट्रीब्यूटरहम अपने कस्टमर्स के लगातार संपर्क में हैं। लॉकडाउन की वजह से बिक्री तो हो नहीं रही है, मोबाइल कंपनियां मेन्युफैक्चरिंग नहीं कर पा रही हैं। क्राइसेस का समय है। लॉकडाउन के बाद हालात सही होने की उम्मीद लगाए हैं। देखिए क्या होता है।
- राहुल वर्मा, केडीजे मोबाइल, लालबंगला ---------------------- लॉकडाउन के पहले से ही हालात सही नहीं थे। बीते एक महीने से कोई कोई सेल है ही नहीं। मोबाइल का स्टॉक भी बचा है। कंपनियां कोई नया मोबाइल लांच नही कर रही हैं। लॉकडाउन के बाद ही मार्केट के हालात सुधरने की उम्मीद है। - सुशील वाधवानी, टेलीफोन प्वाइंट