गड्ढों में 'लापता' फोर लेन रोड
- कोयला नगर पुलिस चौकी से स्वर्ण जंयती विहार तक की एक किलोमीटर सड़क गड्ढों में खो गई
-खराब सड़क से इलाकाई लोगों के वाहनों का बढ़ गया मेंटिनेंस खर्च, बारिश और बढ़ा रही मुसीबतKANPUR: शहर की सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है। शहर में कई सड़के ऐसी है जहां समझ में नहीं आता कि ये गढ्डे हैं कि सड़क। ऐसी ही एक फोर लेन रोड है स्वर्ण जयंती विहार में जो कि गड्ढों में खो गई है। गड्ढे भी छोटे मोटे नहीं। ऐसे गड्ढे की पूरी की पूरी बाइक समां जाए। कोयला नगर पुलिस चौकी से स्वर्ण जयंती विहार केस्को सबस्टेशन तक की इस सड़क पर चलना मानो स्टंट करना हो। जरा सा चूके तो चोट खाने में देर नहीं लगेगी। अब तो गड्ढों में खोई सड़क पर बारिश का भी साया है। ऐसे में पानी भरे गढ्डे इलाकाई लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं।
धंसती चली गई सड़कस्वर्ण जयंती विहार निवासी में विनय सिंह राजावत बताते हैं कि दो साल पहले तक सड़क सही थी। इसके बाद यहां अमृत योजना के तहत पाइप लाइन डाली गई। ठेकेदार ने पाइप लाइन डालने के बाद मिट्टी का भराव ठीक से नहीं किया और ऐसे ही सड़क बना दी, लेकिन तभी से यह सड़क जगह-जगह से धंसने लगी और अब हालत यह है कि यह सड़क चलने लायक नहीं बची है। हजारों की आबादी की परेशानी झेलने को मजबूर है। स्ट्रीट लाइटें भी खराब होने से रात को इस पर चलना और खतरनाक हो जाता है।
आज तक नहीं हुई सुनवाई क्षेत्रीय निवासी एसडी सिंह परिहार बताते हैं कि सड़क के साथ ही बना नाला भी गंदगी से भरा हुआ है। सड़क बनाने और नाला सफाई को लेकर नगर निगम में कई बार शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। सृड़क के खराब होने की वजह से गाडि़यों के मेनटेनेंस का खर्च बढ़ गया है। क्योंकि इतने गड्ढे में गाड़ी चलाने से व्हील बैलेसिंग बिगड़ जाती है साथ ही शाकर भी जल्दी खराब हो जाते हैं। दो साल पहले पाइप लाइन डालने के लिए सड़क खोदी गई थी, लेकिन दोबारा सड़क को घटिया तरीके से बनाया गया कि वह फिर धंस गई। अब गड्ढे ही बचे हैं। - एसडी सिंह परिहार रोड इतनी खराब है कि मोटर साइकिल स्कूटर तो यहां चलाने लायक ही नहीं है.अब बारिश में यहां पानी भरने से यहां से निकलना और भी खतरनाक हो गया है। - विनोद अग्रवालइतनी चौड़ी रोड है,लेकिन पूरी रोड में गड्ढे ही हैं.जिसमें बच बचा कर निकलना पड़ता है। थोड़ा भी चूक जाओ तो गाड़ी भी टूटे और खुद को भी चोट लगे।
- विवेक पांडेय यहां सड़क बची ही नहीं है। इसे बनाने के प्रयास भी नहीं हुए। इस रोड का यूज बड़ी आबादी करती है, लेकिन फिर भी इसे बनवाने पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। - विनय सिंह