जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में मेडिसिन स्टोर में दवाओं की फीडिंग में अंतर मिलने पर थर्सडे को कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने जिम्मेदारों को जमकर फटकार लगाई. मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूट करने वाले फार्मासिस्टों का पेशेंट से व्यवहार अच्छा नहीं मिलने पर उन्होंने कार्रवाई करने के आदेश दिए. इसके अलावा जीएसवीएम प्रिंसिपल को यह आदेश दिया है कि पेशेंट को डॉक्टर्स वहीं दवाएं पर्चे में दिखे जो अस्पताल में उपलब्ध हो.


कानपुर (ब्यूरो) कैबिनेट मंत्री थर्सडे की सुबह 11.46 बजे जीएसवीएस सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल निरीक्षण के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने पेशेंट से बातचीत कर इलाज, व्यवस्थाओं और सुविधाओं की हकीकत जानी। उन्होंने ओपीडी में दिखाने आए पेशेंट से पूछा कि डाक्टर कैसे हैं, इलाज कैसा करते हैं। वहां से प्राचार्य प्रो। संजय काला, उप प्राचार्य प्रो। रिचा गिरि और जीएसवीएसएस पीजीआई के नोडल अफसर डा। मनीष ङ्क्षसह उन्हें न्यूरो रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग लेकर गए। उन्हें प्रदेश के सबसे एडवांस एमआरआई मशीन और उसकी गुणवत्ता बताई। उसके बाद मंत्री पहली मंजिल स्थित ओपीडी ब्लाक गए। जहां उन्होंने ओपीडी के रजिस्टर चेक किए। 45 मिनट मेडिसिन स्टोर में रहे


पेशेंट के किए जाने प्रोसीजर के बारे में भी जानकारी की। उसके बाद मंत्री सिक्स फ्लोर स्थित आपरेशन थियेटर ब्लाक गए। प्रिंसिपल और नोडल अफसर ने उन्हें माड्यूलर ओटी और अत्याधुनिक उपकरण दिखाए। आईसीयू देखने के बाद मंत्री लौटते समय ग्राउंड फ्लोर में मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूट काउंटर के अंदर जाकर दवा वितरण और स्टाक भी चेक किया। मंत्री 45 मिनट तक मेडिसिन स्टोर में जांच-पड़ताल की। फार्मासिस्ट जितेंद्र विश्वकर्मा के गोलमोल जवाब देने पर मंत्री ने प्राचार्य प्रो। संजय काला और नोडल अफसर डा। मनीष ङ्क्षसह को करवाई करने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान विधायक नीलिमा कटियार, पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया, डीएम विशाख जी एवं डा। सौरभ अग्रवाल मौजूद रहे। पेशेंट को क्यों देते आधी दवाएं ओपीडी में दिखाकर आने वाले पेशेंट के पर्चे पर लिखी दवाएं पूरी नहीं मिल रही थीं। ऊपर से काउंटर पर बैठे फार्मासिस्ट पेशेंट को बाहर से दवाएं खरीदने के लिए कह रहे थे। पेशेंट को आधी-अधूरी दवाएं देने पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध दवाएं ही पेशेंट को लिखी जाएं। प्रयास करें सभी जरूरी दवाएं मरीजों को अस्पताल से ही मिलें। 13 मार्च तक ही मिला डाटा मेडिसिन स्टोर पर ई-फार्मेसी का कंप्यूटर लगा है। उसके बाद भी स्टाक अपडेट नहीं था। मुख्य स्टोर से 14-15 मार्च को दवाएं मंगाई गई थीं, जिन्हें अभी तक स्टोर के रजिस्टर व कम्प्यूटर में चढ़ाया नहीं गया था। इसके अलावा दोनों काउंटर पर दवाओं का स्टाक भी अलग-अगल था। एक काउंटर में 150 और दूसरे में 185 दवाएं थीं। उन्होंने दवाओं का हेरफेर करने की बात कहते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है। कमियां जल्द दूर होंगी

प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी से जब जीएसवीएम सुपर स्पेशलिस्ट के एक साल से नहीं चलने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि प्राचार्य व नोडल अफसर से बात हुई है। एचएएल और दूसरे संस्थानों के सीएसआर के बजट से अत्याधुनिक उपकरण खरीदे गए हैं। विधायक निधि से छोटी कमियां दूर कराएंगे। इसकी जल्द ही सुविधा मिलेगी। इस बार यहां की समस्या जानकर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों से निराकरण कराकर ठोस कार्य योजना बनवाएंगे। दूसरी बार बैठक करने आएंगे तो अच्छी खबर लेकर आएंगे।

Posted By: Inextlive