'लाखों लोग हो जाएंगे बेरोजगार, सरकार निकाले दूसरा रास्ता'
- पॉलिथीन निर्माताओं ने उद्योग मंत्री से कहा, पॉलिथीन बैन से लाखों घरों के बुझ जाएंगे चूल्हे
>kanpur@inext.co.in KANPUR : राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल के शहर आने पर उद्यमियों ने अपनी समस्याओं उनके सामने रखीं और निदान के लिए ज्ञापन भी सौंपा। पॉलिथीन बनाने वाले उद्यमियों ने कहा कि पॉलिथीन पर बैन से प्रदेश की तीन हजार से अधिक फैक्ट्रियों बंद हो जाएंगी। सरकार कोई दूसरा रास्ता निकाल कर प्लास्टिक उद्यमियों की मदद करे। वरना लाखों लोगों के बेरोजगार होने से उनके घरों के चूल्हे बंद हो जाएंगे। राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल को यूपी प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य और कोपोस्टेट चेयरमैन विजय कपूर व विधायक अजय कपूर के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया। कुछ सुझाव भी रखेउद्यमियों ने कहा कि पॉलिथीन की बंदी से सिर्फ कानपुर की ही 650 फैक्ट्रियों में ताला लग जाएगा। सरकार ने बंदी का आदेश देते समय तकनीकी पहलू पर ध्यान नहीं दिया। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि सरकार 50 माइक्रॉन तक पॉलिथीन बनाने की अनुमति दे सकती है, अन्य प्रदेशों में ऐसी अनुमति दी जा चुकी है। पॉलिथीन निर्माताओं ने सुझाव रखते हुए कहा कि जो पॉलिथीन फेंकी जाती है उसको डस्टविन में डालकर कलेक्ट किया जाए। इसके लिए जितने भी डस्टविन की जरूरत होगी वे डोनेट करने को तैयार हैं। उद्यमियों का कहना था कि वे ऑक्सो-बायोग्रेडेबल (स्वत: नष्ट होने वाली) पॉलिथीन का निर्माण करने को भी तैयार हैं।
कई अन्य समस्याओं पर ध्यान खींचा इंडियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी मंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें पॉलीथीन निर्माण पर प्रतिबंध का आदेश वापस लेने, यूपीएसआईडीसी द्वारा उद्यमियों को भेजी जा रही नोटिसों के संबध में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र रूमा की दुर्दशा व दोहरे टैक्स प्रणाली पर भी ध्यान खींचा है। आईआईए ने दादानगर व पनकी पुल के चौड़ीकरण की मांग भी ज्ञापन में की। सुनील वैश्य, आलोक अग्रवाल आदि ने इस संबध में मंत्री से बात भी की। इसी क्रम में प्राविन्सियल इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के मनोज बंका, मिथलेश गुप्ता, अतुल सेठ ने भी ज्ञापन देकर कहा कि यूपीएसआईडीसी के विकसित सभी औद्योगिक क्षेत्रों के भूखण्डों को फ्री होल्ड किया जाए। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की स्थिति देखते हुए औद्योगिक क्षेत्रों में सीईटी प्लांट की स्थापना किया जाए। जिससे यह उद्योग पनप सके।