कानपुर मेट्रो के कोरीडोर वन में बड़ा चौराहा से टनल बनाने काम मंडे से शुरू हो जाएगा. पहली टनल बोरिंग मशीन मंडे का लांच कर दी जाएगी. जो बड़ा चौराहा से नयागंज तक टनल बनाएगी. यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन पैरलल दो टनल बनाने के लिए दो टनल बोरिंग मशीनों को लांच करेगी. इन दोनों टनल बोरिंग मशीनों के नाम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों नानाराव पेशवा और तात्या टोपे के नाम पर रखे हैं. 23 किलोमीटर के इस कोरीडोर में अंडरग्राउंड सेक्शन पर सबसे पहले यहीं से टनल बनाने का काम शुरू होगा. दोनों टीबीएम को 21 मीटर लंबे 24 मीटर चौड़े और 17.5 मीटर गहरे आयताकार लॉन्चिंग शाफ्ट में अंदर पहुँचा दिया गया है. मंडे को बड़ा चौराहा से नयागंज की ओर डाउन-लाइन के लिए टनल का निर्माण शुरू होगा और लगभग 15 दिनों के बाद दूसरी टीबीएम की सहायता से अप-लाइन टनल का निर्माण शुरू होगा. मालूम हो कि कानपुर में किसी भी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में प्रयोग होने वाली यह सबसे बड़ी मशीन है.

कानपुर (ब्यूरो) चुन्नीगंज से नयागंज तक के 4 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में बड़ा चौराहा से नाना राव पेशवा के नाम वाली टीबीएम को डाउन लाइन टनल के लिए लांच किया जाएगा। इस मशीन की कुल लंबाई 80 मीटर और वजन 450 टन है। इस मशीन से 5.8 मीटर व्यास की टनल का निर्माण होगा। यह मशीन खुदाई करने के साथ ही टनल के लिए रिंग का निर्माण भी करेगी। इसके लिए मशीन के जरिए ही प्री कॉस्ट सीमेंटेड ब्लॉक को जोड़ कर टनल की रिंग का निर्माण होगा।
940 मीटर लंबी टनल बनेगी
मेट्रो के अधिकारियों ने जानकारी दी कि बड़ा चौराहा से नयागंज की ओर लगभग 940 मीटर लंबी टनल का निर्माण करती हुई टीबीएम, नयागंज मेट्रो स्टेशन के शुरुआती छोर तक पहुँचेगी, जहाँ पर बने रिट्रीवल शाफ़्ट से मशीन को बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके बाद, दोनों मशीनों को चुन्नीगंज में बनने वाले लॉन्चिंग शाफ़्ट की सहायता से दोबारा ज़मीन में उतारा जाएगा और नवीन मार्केट से होते हुए, बड़ा चौराहा मेट्रो स्टेशन के शुरुआती सिरे तक टनल निर्माण किया जाएगा।


कटर हेड-
मशीन के खुदाई करने वाले मेन पार्ट को कटर हेड कहते हैं। इसका वजन ही 48 टन है। यह टीबीएम के सबसे आगे लगा है। इसी से खुदाई होगी।

थ्रस्ट जैक सिलेंडर्स- यह सिलेंडर्स मशीन को आगे की तरफ धकेलते हैं। टीबीएम खुदाई करते हुए आगे बढ़ती है।

स्क्रू कंवेयर-
मशीन के इस पार्ट से टनल की मिट्टी को बाहर निकाला जाएगा। रोजाना टनलिंग से 400 क्यूबिक मीटर मिट्टी निकलने की संभावना है।

रिंग इरेक्टर
इसकी मदद से, रिंग सेग्मेंट्स को टनल के अंदर पोज़िशन किया जाता है। ये रिंग सेग्मेंट्स कॉक्रीट के बने होते हैं और इन्हें कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट किया जाता है। 6 सेग्मेंट्स से एक टनल रिंग बनेगी। लगभग 4 किमी। लंबे इस सेक्शन में अप-लाइन और डाउन लाइन को मिलाकर कुल 5.4 किमी। की टनल का निर्माण होना है, जिसमें कुल 3886 रिंग्स इस्तेमाल होंगी।

कोरीडोर वन एक नजर में
23 किमी लंबा कोरीडोर वन, आईआईटी से नौबस्ता तक
9 किमी के रूट पर मेट्रो संचालन जारी
7 किमी लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन कोरीडोर वन का
5 किमी- के एलीवेटेड सेक्शन नौबस्ता तक के टेंडर भी हो चुके अवार्ड

Posted By: Inextlive