आ गई मेट्रो की सबसे बड़ी परीक्षा
-ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क मे पियर्स के लिए शुरू हुई खुदाई में सामने आया इलेक्ट्रिसिटी केबल व वाटर लाइनों का मकड़जाल
-केबल डैमेज हुई तो मेर्डिकल कॉलेज, कार्डियोलॉजी जैसे बड़े हॉस्पिटल के साथ हजारों घरों की बिजली भी हो जाएगी गुल -बैराज से बेनाझाबर स्थित जलकल मुख्यालय को भेजी जाने वाली मेन लाइन में प्रॉब्लम से पूरे शहर में खड़ा हो जाएगा पानी का संकटKANPUR: कानपुर मेट्रो के प्रॉयरिटी सेक्शन आईआईटी से मोतीझील तक तेजी से काम चल रहा है। वहीं इससे आगे के एलीवेटेड और अंडरग्राउंड सेक्शन पर भी काम की शुरुआत हो गई है। लेकिन, इसी के साथ कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती भी सामने आ गई है। ब्रजेन्द्र स्वरूप पार्क में पियर्स के लिए की जा रही खुदाई में केस्को और जलकल की मेन वाटर लाइनों का जाल निकलता जा रहा है। अगर केवल केस्को की ये केबल डैमेज होती हैं तो पूरे शहर की वाटर सप्लाई ठप हो जाएगी। साथ ही हजारों फ्लैट व घरों के अलावा हैलट, मेडिकल कालेज, कार्डियोलॉजी सहित कई कई बड़े हॉस्पिटल व प्राइवेट नर्सिग होम की बिजली भी गुल हो सकती है। वाटर लाइनों के डैमेज होने से भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। लाइनों के इस मकड़जाल के बीच मेट्रो के लिए पिलर और टनल बनाना यूपीएमआरसी के लिए किसी बड़ी परीक्षा से कम नहीं होगा।
ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क में खुदाई यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन की टीम फेज वन के प्रॉयरिटी सेक्शन आईआईटी से मोतीझील के बीच तेजी से सिविल वर्क में जुटी है। यहां इसी साल नवंबर में मेट्रो का ट्रायल होना है। इसके साथ ही यूपीएमआरसी ने अब मोतीझील के आगे एलीवेटेड और अंडरग्राउंड ट्रैक के लिए पिलर बनाने के लिए खुदाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क में स्काउंट भवन और बीएनएसडी साइड स्थित ग्राउंड में पिलर बनाने के लिए खुदाई शुरू कर दी है। लेकिन, यहां निकले बिजली और पानी की मेन लाइनों ने यूपीएमआरसी के ऑफिसर्स की चिंता बढ़ा दी है। पाइप लाइन व केबलों का जालब्रजेंद्र स्वरूप पार्क और बीएनएसडी साइड ग्राउंड में की गई खुदाई में अब तक 13 केबल मिली हैं। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक ग्राउंड से 3 फीडर 33 केवी के और 13 केबल 11 केवी की निकली हैं। इसके अलावा एक बड़ी वाटर लाइन व छोटी सप्लाई लाइन भी है। इसमें से एक लाइन गंगा बैराज से जलकल मुख्यालय को जाती है जो 50 एमएलडी की है। इसी तरह स्काउट भवन साइड भी कई केबल और एक बड़ी वाटर लाइन व कुछ छोटी सप्लाई लाइन मिली है। जलकल ऑफिसर्स के मुताबिक बड़ी लाइन बीएस पार्क जेएडपीएस की हैं, जो स्वरूप और बालनिकुंज जेएडपीएस से इंटरलिंक हैं।
ठप हो जाएगी सिटी की वाटर सप्लाई केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क से गुजरने वाले 33 फीडर से बेनाझाबर, जलसंस्थान, हैलट आदि सबस्टेशन जुड़े हैं। अगर बेनाझाबर जलकल मुख्यालय को सप्लाई देने वाले जलसंस्थान सबस्टेशन की केबल डैमेज हो जाती है तो जलकल मुख्यालय से सिटी के 40 से अधिक जोनल पम्पिंग स्टेशन को 250 एमएलडी पानी नहीं भेजा जा सकेगा। जिससे शहर में वाटर सप्लाई नहीं हो सकेगी। अगर 50 एमएलडी की लाइन प्रभावित हुई तो बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। लो प्रेशर में वाटर सप्लाई की समस्या आएगी। लेकिन अगर स्वरूप नगर, बालनिकुंज इंटरकनेक्ट बीएस पार्क जेएडपीएस की लाइन डैमेज हुई तो समस्या हो जाएगी। स्वरूप नगर, आर्य नगर, तिलक नगर, बेनाझाबर, ईदगाह, ग्वालटोली, खलासी लाइन, भैरवघाट, हर्ष नगर आदि क्षेत्रों वाटर सप्लाई नहीं सकेगी। हॉस्पिटल्स, पाश एरिया अंधेरे मेंइसी तरह अगर कहीं बेनाझाबर व हैलट फीडर की केबल डैमेज होती है तो हैलट, मेडिकल कालेज, कार्डियोलॉजी, जेके कैंसर के अलावा सिटी के कई नर्सिगहोम व हॉस्पिटल्स की लाइट गुल हो जाएगी। कई नर्सिग होम के इंडिपेंडेंट फीडर भी इन सबस्टेशन से निकले हैं। इसके अलावा पॉश एरिया स्वरूप नगर, आर्य नगर सहित बेनाझावर, हर्ष नगर, ईदगाह, अशोक नगर, रावतपुर, मोतीझील सहित कई मोहल्लों की बिजली गुल हो जाएगी।
इनकी वाटर लाइनें निकली हैं गंगा बैराज-मुख्यालय-- 50 एमएलडी बीएस पार्क जेएडपीएस -- 3250 केएल बालनिकुंज जेएडपीएस-- 2150 केएल स्वरूप नगर जेएडपीएस-- 1500 केएल इलेक्ट्रिसिटी केबल 3 फीडर 33 केवी के 13 फीडर 11 केवी के सबस्टेशन-- बेनाझाबर, जलसंस्थान, हैलट, मेडिकल कालेज, बीएस पार्क ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क में वाटर लाइन व इलेक्ट्रिसिटी केबल मिली है। केस्को व जलकल से मिलकर शिफ्टिंग या ऐसा काम किया जाएगा की लोग प्रभावित न हों। - अरविन्द सिंह, यूपीएमआरसी ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क से कई आवश्यक सुविधाओं वाली लाइनों सहित 16 फीडर की केबल भी निकली हैं। जिसे जलकल मुख्यालय और हैलट सहित कई प्रमुख हॉस्पिटल्स को पॉवर सप्लाई की जाती है। यूपीएमआरसी की टीम का पूरा सहयोग किया जाएगा। - आरके सिंह, एक्सईएन, केस्को ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क से कई पानी की बड़ी लाइनें गुजरी हैं। जिनसे जलकल मुख्यालय को पानी मिलता है और यहां से ट्रीट कर भेजा जाता है। अगर ये लाइनें डैमेज हुई तो बड़ी समस्या होगी।- योगेश श्रीवास्तव, सचिव जलकल डिपार्टमेंट