मिलिए चीन की महिला अंगरक्षकों से
लेकिन जैसे ही वो गाड़ी से बाहर निकल कर अपनी बंदूक हाथ में लिए एक सैनिक जैसी मुद्रा धारण करती है, तो ऐसा लगता है कि आंखों से ही कोई चूक हुई हो। लेकिन फिर वो गिद्ध जैसी नज़र से पार्किंग मैदान का सर्वेक्षण करना शुरू करती है।
मुड़ कर देखा तो गाड़ी में से जैसे ही एक अमीर महिला निकलती है, तो चेन हाई दौड़ कर उनके साथ बंदूक थामे तेज़ी से चलने लगती है। अंगरक्षक चेन हाई कहती हैं, “कभी कभी ऐसा होता है कि महिलाएं पुरुषों के मुक़ाबले ज़्यादा शक्तिशाली और बेहतर होती हैं.”21 वर्षीय चेन हाई चीन की उन सैंकड़ों महिलाओं में से एक है, जिनमें अंगरक्षक या बॉडीगार्ड बनने की होड़ सी लगी है। एक अनुमान के मुताबिक़ चीन में करीब 3,000 अंगरक्षक कंपनियां, सुरक्षा प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए आपस में मुक़ाबला कर रही हैं।
‘बहन जैसा साथ’चीन में समृद्ध लोगों की बढ़ती तादाद में महिलाएं अब पीछे नहीं है। अमीरों और ग़रीबों के बीच बढ़ते फ़ासलों के चलते इन महिलाओं को तेज़ी से निजी सुरक्षा की ज़रूरत महसूस हो रही है।
ऐसे में वेन कुई ने अमीर कामकाजी महिलाओं को निजी सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक कंपनी खोली, जिसमें उन्होंने महिला अंगरक्षकों को प्रशिक्षित किया।
वेन कुई ने ऐसी कंपनी खोलने की योजना तब बनाई, जब उन्हें खुद बिज़नेस यात्राओं के दौरान ख़तरे से सामना करना पड़ा। वेन कुई कहती हैं, “महिला अंगरक्षक पास होने से महिलाओं को ऐसा अहसास होता है कि उनके साथ उनकी बहन ही मौजूद है, जो उनकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। दूसरा फ़ायदा ये भी है कि बिज़नेस यात्राओं के दौरान महिलाएं अपनी अंगरक्षक के साथ एक ही कमरे में ठहर सकती हैं.”वेन कुई को हाल ही में महिला अंगरक्षकों को प्रशिक्षित करने के 30 नए ऑर्डर मिले है। वे अपने स्टाफ़ को कुंग-फ़ू, निगरानी रखने के गुणों के अलावा पूर्व सैनिकों से भी प्रशिक्षित कराती हैं, ताकि किसी भी तरह की कमी की कोई गुंजाइश न हो। उनका कहना है कि महिला ग्राहक महिला अंगरक्षक ही चाहती हैं क्योंकि वे उनके साथ ज़्यादा सहज भी महसूस करती हैं।फ़ायदेमंद पेशा19 वर्षीय शी शिंगज़ैंग ने हाल ही में प्रशिक्षण सेंटर में अपना नाम लिखाया है। उन्होंने वाणिज्य क्षेत्र से जुड़ी पढ़ाई की है, लेकिन वे कहती हैं कि वे हमेशा से अंगरक्षक ही बनना चाहती थीं।हालांकि उनके माता-पिता उन पर कोई दूसरा व्यवसाय चुनने का दबाव डालते हैं, लेकिन शिंगज़ैंग अपना सपना पूरा करने की पूरी कोशिश में लगी है।
शिंगज़ैंग कहती हैं, “मैं बचपन से ही बहुत सारी ऐक्शन फ़िल्में देखती आ रही हूं। मुझे हमेशा से उन लड़ाकुओं जैसा बनने की इच्छा थी.” वैसे इस पेशे को चुनने के फ़ायदे भी हैं। ये महिला अंगरक्षक रोज़ के करीब 100 डॉलर कमाती हैं।चीन की अर्थव्यवस्था में भले ही साल दर साल बढ़ोतरी हो रही हो, लेकिन साथ ही उस तबके में ग़ुस्सा भी बढ़ रहा है, जिन तक आर्थिक समृद्धि का फ़ायदा नहीं पहुंच रहा है।समृद्ध लोगों की बढ़ती तादाद को और उनके भीतर बढ़ते भय को देखते हुए लगता है कि महिला अंगरक्षकों का बिज़नेस खूब फलने-फूलने वाला है।