कोरोनावायरस के यूटेशन का 'टेंशन'
- एलएलआर हॉस्पिटल का निरीक्षण करने पहुंचे मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश खन्ना, पीपीई किट पहन कोविड आईसीयू में जाना पेशेंट्स का हाल
KANPUR: जैसे जैसे यूपी में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं वैसे वैसे अब सरकार को बारिश के सीजन में वायरस के म्यूटेशन की चिंता भी सता रही है। बारिश में नमी पाकर वायरस म्यूटेट हुआ तो केसेस बढ़ेंगे या नहीं, इसे लेकर सरकार असमंजस में है। हालांकि कोरोना के केसेस को लेकर सरकार ने सभी तैयारी कर रखी हैं। प्रदेश में कोविड पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के लिए 76 हजार बेड तैयार किए हैं। कोरोना के साथ ही दूसरी बीमारियों के मरीजों को भी इलाज मिले इसके लिए अब सभी मेडिकल कॉलेजों में हर स्पेशिएलिटी की इमरजेंसी सर्विसेस शुरू कर दी गई हैं। कोविड आईसीयू भी गएइन्हीं सब व्यवस्थाओं का जायजा लेने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश खन्ना ने यह बातें कही। उन्होंने कोरोना की वजह से नॉन कोविड मरीजों की मौत पर अफसोस जताते हुए संवेदना व्यक्त भी की। एलएलआर हॉस्पिटल का निरीक्षण करने के दौरान उन्होंने कोविड और नॉन कोविड मरीजों से सीधे इंटै्रक्ट करते हुए उनसे फीडबैक लिया। वह पीपीई किट पहन कर कोविड आईसीयू भी गए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं पर संतोष जताया।
नान कोविड पेशेंट्स पर करें फोकस
मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश खन्ना सुबह 9.15 बजे ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। जहां पर उन्होंने एसआईसी कक्ष में पीपीई किट पहना। इसके बाद हैलट इमरजेंसी पहुंच गए। उनके साथ कमिश्नर डॉ.सुधीर एम बोबडे, डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी, प्रिंसिपल डॉ.आरती लालचंदानी, वाइस प्रिंसिपल डॉ.रिचा गिरि भी मौजूद थीं। इमरजेंसी में होल्डिंग एरिया में उन्होंने मरीजों का हालचाल लिया। इसके बाद वह मेडिसिन आईसीयू पहुंचे। यहां मरीजों के तीमारदारों से उन्होंने फीडबैक लिया। वहीं डॉक्टर्स से पूछा कि कितनी स्पेशिएलिटीज की इमरजेंसी सर्विसेस चल रही हैं। डायलिसिस कितने पेशेंट्स की हो रही है। इसके बाद वह इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड गए। यहां भी पेशेंट्स से बात कर फीडबैक लिया। (बाक्स बनाएं) आईसीयू से बुलाना पड़ा बाहरहैलट इमरजेंसी से निकल सुरेश खन्ना फ्लू ओपीडी गए। इसके बाद न्यूरो साइंस सेंटर पहुंचे। यहां पर आइसोलेट किए गए कोरोना पेशेंट्स से बातचीत कर उन्हें मिलने वाले नाश्ते और खाने के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह कोविड आईसीयू गए। यहां पर कोरोना वायरस के क्रिटिकल पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के बाबत डॉक्टर्स से जानकारी ली। 15 मिनट से ज्यादा कोविड आईसीयू में रहने पर अनाउंसमेंट करके उन्हें बाहर बुलाना पड़ा। वहीं मीडिया से बातचीत में मिनिस्टर ने व्यवस्थाओं पर संतोष जाहिर किया।
कमियां दूर करेंगे मिनिस्टर के साथ बातचीत में प्रिंसिपल डॉ। आरती लालचंदानी की ओर से नॉन कोविड पेशेंट्स के लिए बेड, मल्टीपैरा मॉनीटर और वेंटीलेटर्स की कमी का मुद्दा उठाया। जिस पर मिनिस्टर और कमिश्नर दोनों ने ही डिमांड भेजने के लिए कहा। साथ ही जल्द ही 10 वेंटीलेटर्स और बेड दिलाने के लिए सहमति दी। निरीक्षण के दौरान डीजीएमई ऑफिस से आए प्रो। आरसी गुप्ता, नॉन कोविड प्रभारी डॉ। मनीष सिंह, एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के हेड प्रो.अपूर्व अग्रवाल, प्रो। प्रेम सिंह, प्रो.जेएस कुशवाहा, प्रो.जीडी यादव, डॉ.प्रशांत त्रिपाठी, डॉ। सौरभ अग्रवाल सीएमएस डॉ। रीता गुप्ता मौजूद रहीं।