'प्रलय' की उल्टी गिनती शुरू
कुछ लोगों ने माया पंचांग के युगांत को दुनिया के समाप्त होने की भविष्यवाणी मानते हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि ये एक युग का अंत भर है, दुनिया का नहीं। माया समुदाय के पुजारियों ने उल्टी गिनती के शुरू करते हुए विशेष धार्मिक कर्मकांड किए हैं।
उधर मैक्सिको में अधिकारी इस वर्ष आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। मैक्सिको की पर्यटन एजेंसी को उम्मीद है कि साल 2012 उनके देश में पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आ सकते हैं और इनमें से अधिकतर मैक्सिको के दक्षिणी हिस्से की ओर रुख़ कर सकते हैं।सर्वशक्तिमान ईश्वरमाया सभ्यता 250 ईस्वी से 900 ईस्वी के बीच अपने चरम पर थी। इस सभ्यता में खगोलशास्त्र, गणित और कालचक्र को काफ़ी महत्त्व दिया जाता था।माया सभ्यता का पंचांग 3114 ईसा पूर्व शुरु किया गया था। इस क्लैंडर में हर 394 वर्ष के बाद बाकतुन नाम के एक काल का अंत होता है,
अगले वर्ष 21 दिसबंर उस कैलेंडर का 13वां बाकतुन ख़त्म हो जाएगा। आधुनिक खगोलशास्त्री भी मानते हैं कि उस दिन खगोलीय रेखाएं काफ़ी महत्त्वपूर्ण होंगीकरीब तेरह सौ साल पहले एक पत्थर पर एक संदेश को कुछ लोग दुनिया की समाप्ति की भविष्यवाणी मान बैठे हैं और अब तो ये कथित भविष्यवाणी इंटरनेट के ज़रिए सारी दुनिया फैल चुकी है।
लेकिन पुरातत्वविद और माया सभ्यता के विशेषज्ञ मानते हैं कि ये भविष्यवाणी दुनिया की समाप्ति के बारे में ना होकर, पृथ्वी पर एक सर्वशक्तिमान ईश्वर के आगमन के बारे में है। इन विश्लेषणों के बावजूद दुनिया में विशेषकर इंटरनेट के ज़रिए प्रलय का डर फैलाया गया है।
अफ़वाहों और हक़ीक़त की टक्करमाया समुदाय ने 21 दिसंबर 2012 के लिए उल्टी गिनती शुरू कीउस दिन उनके प्राचीन पाचांग के अनुसार पांचवा युग समाप्त होगा। कुछ लोग इसे दुनिया के समाप्त होने की भविष्यवाणी मानते हैंलेकिन जानकारों के अनुसार ये एक युग का अंत भर है, दुनिया का नहीं। माया सभ्यता का पंचांग 3114 ईसा पूर्व शुरु हुआ इस कैलेंडर में हर 394 वर्ष के बाद बाकतुन नाम के एक काल का अंत होता हैअगले वर्ष 21 दिसबंर उस क्लैंडर का 13वां बाकतुन ख़त्म होगा। करीब तेरह सौ साल पहले एक पत्थर पर एक संदेश को कुछ लोग दुनिया की समाप्ति की भविष्यवाणी मानते हैं। ये कथित भविष्यवाणी इंटरनेट के ज़रिए सारी दुनिया फैल चुकी है। लेकिन पुरातत्वविद और माया सभ्यता के विशेषज्ञ मानते हैं कि ये भविष्यवाणी दुनिया की समाप्ति के बारे में ना होकर, पृथ्वी पर एक सर्वशक्तिमान ईश्वर के आगमन के बारे में है.