ईरान में एक अभिनेत्री को ईरानी अधिकारियों की आलोचना करने वाली एक फ़िल्म में काम करने के लिए एक साल की जेल और 90 कोड़ों की सज़ा सुनाई गई है.

ईरान में विपक्षी दलों की एक वेबसाइट के अनुसार मर्ज़िया वफ़ामेहर को शनिवार को सज़ा दी गई थी मगर उनके ख़िलाफ़ आरोप सार्वजनिक नहीं किए गए थे। जिस फ़िल्म में मर्ज़िया ने काम किया और जिसकी वजह से उनकी गिरफ़्तारी हुई उसका नाम 'मेरा तेहरान बिकाऊ है' था।

ईरान में सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद उसे बनाने की इजाज़त तो दी थी मगर ईरान में उसे रिलीज़ करने की अनुमति नहीं दी। मगर ये फ़िल्म यूट्यूब वेबसाइट और अनाधिकारिक तौर पर डीवीडी पर उपलब्ध है। एक ईरानी महिला लेखिका ग्रानाज़ मूसावी इस फ़िल्म की लेखिका और निर्देशिका हैं।

ये फ़िल्म एक डॉक्यूमेंट्री यानी वृत्तचित्र की तरह है जिसमें एक युवा ईरानी अभिनेत्री का जीवन दिखाया गया है और ये किरदार मर्ज़िया ने निभाया है। फ़िल्म में ये अभिनेत्री जिस तरह की भूमिकाएँ करना चाहती है अधिकारियों ने उस तरह की भूमिकाओं पर रोक लगा रखी है।

फ़िल्म में ईरानी जीवन का एक ऐसा पहलू दिखाया गया है जिसे आम तौर पर लोग नहीं जानते, जहाँ युवा भूमिगत पार्टियों में शामिल होते हैं।

ईरान के बाहर इस फ़िल्म और मर्ज़िया की भूमिका की काफ़ी तारीफ़ हुई है। मगर ईरान में धार्मिक कट्टरपंथियों ने इस फ़िल्म की काफ़ी आलोचना की है।

इस फ़िल्म के निर्माण में लगे कई लोगों से पूछताछ की गई मगर उसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। वहीं मर्जिया वफ़ामेहर को जुलाई से ही हिरासत में रखा गया था और अब उन्हें जेल की सज़ा दे दी गई है।

उनके पति एक जाने-माने निर्देशक हैं। उनके और कई अन्य सुधारवादी वेबसाइटों के अनुसार मर्ज़िया को संभवतः इसलिए सज़ा दी गई है क्योंकि उन्होंने फ़िल्म में सिर मुंडा रखा है और सिर को इस्लामी परंपरा के मुताबिक़ चादर से ढँका भी नहीं है।

गिरफ़्तारी से पहले मर्ज़िया को ईरान में लोग ज़्यादा नहीं जानते थे मगर अब वह उन प्रमुख कलाकारों और फ़िल्मकारों में शामिल हो गई हैं जिनका काम ईरानी नेताओं की ओर से लागू किए गए धार्मिक कोड और बर्ताव के दिशानिर्देशों को चुनौती देता है।

Posted By: Inextlive