सभासद, विधायकों की हरी झण्डी पर शहर में कई 'रिजवानÓ
कानपुर (ब्यूरो) बांग्लादेशी डॉ। रिजवान और उसके परिवार का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। रिजवान के फर्जी पासपोर्ट पर 3 बार पाकिस्तान जाने के इविडेंस मिले हैं। वह कराची-पेशावर गया था। फर्जी पासपोर्ट की मदद से थाईलैंड और नेपाल भी गया। उसके पासपोर्ट की जांच से इस बात की पुष्टि हुई है। उसके पास से बरामद लैपटॉप में भारत-पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध डॉक्यूमेंट्स मिले हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि रिजवान के पाकिस्तानी जासूस होने का शक है। एटीएस, एनआईए और मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों को डॉ। रिजवान से जुड़े हुए इनपुट दिए गए हैैं। पूरे मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू कर दी है।
जालसाजी से पूरे परिवार की नागरिकता और पासपोर्ट
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि शहर के पॉश इलाके आर्य नगर के इंपीरियल रेजीडेंसी में बांग्लादेशी डॉ। रिजवान परिवार समेत रहता था। पुलिस को कुछ इनपुट मिले। इसके बाद जांच की गई तो सामने आया कि डॉ। रिजवान भारत में 2016 से रह रहा है। उसकेससुर खालिद माजिद ने डॉ। रिजवान, बेटी हिना और नाती के लिए अपने मूलगंज मैदा मार्केट वाले घर के पते पर विधायक इरफान सोलंकी व क्षेत्रीय पार्षद मन्नू रहमान से एप्रूव करा कर फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज बनवाए। इन सभी के पास कानपुर और बांग्लादेश दोनों ही देशों के पहचान पत्र और पासपोर्ट मिले हैं।
फॉरेंसिक टीम ने जांच के दौरान इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान के पत्र को कब्जे में लिया है। दोनों के हैंडराइटिंग और सिग्नेचर मिलान के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। अगर जांच में हैंडराइटिंग और सिग्नेचर का मिलान सही हुआ तो एफआईआर में विधायक और पार्षद का भी नाम बढऩा तय है।
इस तरह भारतीय बना डॉ। रिजवान
मो। रिजवान ने कानपुर के रहने वाले खालिद माजिद की बेटी हिना खालिद से निकाह किया। वो भारतीय हैं। मो। रिजवान से शादी के बाद हिना बांग्लादेश में जाकर बस गईं। वहां की नागरिकता और पासपोर्ट हासिल कर लिया। इसके बाद पति और तीन बच्चों के साथ 2016 से कानपुर में शिफ्ट हो गईं। इसके बाद सभी ने जाली दस्तावेजों के सहारे यहां का आधार कार्ड और पासपोर्ट हासिल कर लिया। 2019 में सपा विधायक इरफान सोलंकी और सपा पार्षद मन्नू रहमान ने रिजवान के भारतीय होने का और स्थानीय पते का प्रमाण पत्र दिया। इसमें लिखा था कि वह इंपीरियल रेजीडेंस आर्यनगर कानपुर उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
थाना मूलगंज में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, साजिश रचना और विदेशी विषयक अधिनियम 1946 के तहत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।