स्कॉलरशिप स्कैम में मानवेंद्र स्वरूप गिरफ्तार
- उत्तराखंड की एसआईटी ने सिविल लाइंस स्थित बंगले से देर रात को उठाया, ले गई है देहरादून
- 4.33 करोड़ के घोटाले का है आरोप, फ्राईडे सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा KANPUR : उत्तराखंड के स्कॉलरशिप स्कैम मामले में एसआईटी ने वेडनेसडे रात को कानपुर सिविल लाइंस स्थित बंगले में दबिश देकर मानवेंद्र स्वरूप को गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी उनको हिरासत में लेकर देहरादून ले गई। जहां उनको थाना प्रेमनगर में रखा गया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर पुष्टि करते हुए कहा कि मानवेंद्र के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी था। उनको फ्राईडे को कोर्ट में पेश कराया जाएगा। 2012-13 में घोटाला हुआ थासिविल लाइन्स निवासी मानवेंद्र स्वरूप देहरादून स्थित एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज कॉलेज के सचिव है। इस कॉलेज में साल 2012-13 में 4.31 करोड़ का स्कॉलरशिप स्कैम हुआ था। शासन की जांच में इसकी पुष्टि होने पर मानवेंद्र स्वरूप के खिलाफ प्रेमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोप है कि उनके कॉलेज में फेल होने वाले स्टूडेंट की भी स्कॉलरशिप लेकर हड़प ली गई है। ऐसे लोगों के नाम पर भी स्कॉलरशिप हड़प ली जो कॉलेज के स्टूडेंट ही नहीं थे। जिसके आधार पर एसआईटी ने रिपोर्ट दर्ज कर मानवेंद्र स्वरूप के खिलाफ गैरजमानती वारंट हासिल कर उनको गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी उनको देहरादून ले गई। जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
बॉक्स रसूखदार परिवार से हैं मानवेंद्र सिविल लाइन्स निवासी मानवेंद्र स्वरूप का परिवार रसूखदार लोगों में से है। मानवेंद्र के दिवंगत पिता जागेंद्र स्वरूप कई दशक तक एमएलसी रहे। उनकी मौत के बाद मानवेंद्र ने एमएलसी का बाई इलेक्शन लड़ा था, लेकिन हार गए। मानवेंद्र का परिवार शिक्षा जगत से ताल्लुक रखता है। मानवेंद्र और उनके परिवार के कानपुर व पूरे प्रदेश में कई पब्लिक स्कूल और कॉलेज है। मानवेंद्र के चाचा बार काउंसिल के सदस्य भी हैं। अन्य कॉलेज में घोटाले का शक मानवेंद्र स्वरूप और उनके परिवार कई स्कूल और कॉलेज के मैनेजमेंट में हैं। इनके यूपी और उत्तराखंड में कई शिक्षण संस्थान है। एसआईटी को मानवेंद्र और उनके परिवार से जुड़े अन्य स्कूल और कॉलेज में भी छात्रवृत्ति घोटाले का शक है। हालांकि इस बारे में एसआईटी ने बयान जारी नहीं किया है। एसआईटी का कहना है कि अभी वे उत्तराखंड के घोटाले की जांच कर रहे है। अगर उनको यूपी से जुड़े किसी स्कूल या कॉलेज में हुए घोटाले के सबूत मिलते है तो वे यूपी सरकार को उसे दे देंगे।