200 रुपए के लालच में पकड़ा गया मंजू वर्मा का हत्यारा
कानपुर (ब्यूरो)। रायपुरवा थानाक्षेत्र के मंजू वर्मा हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर आरोपी धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर दिया। हत्यारा मंजू का पड़ोसी ही निकला। जिसने पिता के साथ अवैध संबंधों से नाराज होकर मंजू की हत्या कर दी थी। वारदात को हादसा दिखाने के लिए शव का जला दिया था। लेकिन पुलिस और फॉरेंसिक की जांच में सच सामने आ गया। पुलिस ने धर्मेन्द्र को रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है।
घर में मिली थी जली डेडबॉडी
वारदात 9 जनवरी की है। पुलिस को घर के अंदर 65 वर्षीय मंजू वर्मा की जली हुई डेडबॉडी मिली थी। सूचना पर जेसीपी और दूसरे अधिकारियों के साथ फॉरेंसिक टीम पहुंची थी। पोस्टमार्टम के दौरान टीम को सोने की चेन और रिंग मिली थी। मृतका का मोबाइल इस खुलासे में अहम कड़ी साबित हुआ है। दरअसल आरोपी मृतका का फोन लेकर चला गया था और उसे 200 रुपये में बेच दिया था। पुलिस ने मोबाइल बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इस तरह से दिया था अंजाम
रायपुरवा थानाक्षेत्र स्थित छब्बा लाल का हाता निवासी धर्मेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि रात दो बजे के आस पास उसकी आंख खुली तो वह बाहर गया। देखा कि मंजू वर्मा का दरवाजा खुला हुआ था। अंदर गया तो मंजू बेसुध पलंग पर सो रही थीं। पहले मुंह पर पेपर रखकर दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद पेपर रखकर आग लगा दी। सर्दी होने की वजह से आस पास वाले जान नहीं पाए और मैैं फरार हो गया।
इस तरह से हुआ खुलासा
वारदात को अंजाम देने के बाद धर्मेन्द्र कुमार वर्मा मंजू का मोबाइल लेकर चला गया था। पुलिस को मौके पर पहुंचने पर राख और हड्डियां मिली थीं। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर हत्यारोपी की तलाश शुरू की। मंजू का मोबाइल सर्विलांस पर लिया गया तो आर्ईएमईआई रन कराने पर दूसरा नंबर चलता मिल गया। पुलिस ने मोबाइल इस्तेमाल करने वाले को पकडक़र पूछताछ की तो पता चला कि धर्मेन्द्र इस मोबाइल को 200 रुपये में बेचा था। इसके बाद पुलिस की टीम ने धर्मेन्द्र की तलाश की। घंटाघर के पास एक होटल से उसे पकड़ लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने पूरा सच उगल दिया।
ये थी हत्या की वजह
धर्मेन्द्र और उसका भाई भीलवाड़ा में नौकरी करता था। दीपावली में वह कानपुर आया था। उसके बाद से गया नहीं। उसने बताया कि उसके पिता वीरेन्द्र प्रसाद वर्मा पल्लेदार हैैं। उनके टीचर मंजू वर्मा से अवैध संबंध थे। वह जितना कमाते थे मंजू को दे देते थे। इसी वजह से उसका और पिता का विवाद होता था। नाली के पानी को लेकर मंजू बहुत परेशान करती थी। इसी वजह से उसने हत्या को अंजाम दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद वह दरवाजे में कुंडी लगाकर फरार हो गया था।