मना करने की सज़ा बलात्कार
बीस साल की 21 महिलाओं के पुलिस की एक कार्रवाई के बाद छुड़ा लिया गया है। इन औरतों को अच्छी नौकरी का लोभ दिया गया था। उन्हें पहले चीन भेजा गया फिर वहां से मलेशिया जहां वे यौनकर्मी बनने के लिए मजबूर हो गईं।
कुआलालंपुर से जेनिफ़र पाक के अनुसार इन औरतों को कुआलालंपुर के पास एक अपार्टमेंट में रखा गया था। पिछले तीन महीनों में उन्हें एक दिन में दस घंटो तक ग्राहकों के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर किया जाता रहा। अगर वे मना करतीं तो उन्हें बंधक बनाने वाले उन्हें मारते पीटते और फिर उनका बलात्कार किया जाता था।वॉच लिस्टएक पीड़ित महिला ने सारी दुर्दशा युगांडा दूतावास के एक अधिकारी को बताई जो भेष बदल कर एक ग्राहक के रूप में उनके पास आया था।
मलेशिया की पुलिस ने फिर उस पूरे अपार्टमेंट पर चौकसी रखना शुरू की। दो सप्ताह तक नज़र रखने के बाद उन्होंने औरतों को छुड़ाने के लिए अपार्टमेंट पर धावा बोला।
मानव तस्करी के लिए दो औरतों को गिरफ़्तार किया गया। मलेशिया को मानव तस्कर कई बार गंतव्य देश और साथ ट्रांज़िट देश के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं।कई बार तस्करों के ख़िलाफ़ कमज़ोर कार्रवाई को लेकर सरकार की आलोचना हुई है और ये भी आरोप लगते रहे हैं कि कई आव्रजन अधिकारी इस तरह की तस्करी में सहयोग करते हैं। इसीलिए मलेशिया को अमरीका ने मानवतस्करी के वॉच लिस्ट में कुछ सालों से रखा है।
पुलिस का कहना है कि ताज़ा मामला इस बात का उदाहरण है कि वे मानवतस्करी से निपटने के लिए गंभीर पहल करना चाहते हैं।