नेगेटिव थॉट्स से बनाएं दूरी तभी मिलेगा करियर का बेस्ट पाथवे
कानपुर(ब्यूरो)। हर स्टूडेंट के कुछ ड्रीम होते हैं। वह ड्रीम्स करियर का गोल अचीव होने पर पूरे हो जाते हैं। करियर के गोल को अचीव करने के लिए प्रोकैस्टिनेशन और नेगेटिव थाट्स से आपको दूरी बनानी होगी। आप अगर लाइफ में प्रोकैस्टिनेशन का शिकार हो गए तो गोल का पूरा होना मुश्किल है। इसलिए अपना गोल सेटकर पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ आगे बढ़ें, सक्सेस जरूर मिलेगी। यह बातें सैटरडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और अमृता विश्व विद्यापीठम की ओर से आयोजित करियर पाथवेज 2023 के अंतिम दिन मेमोरी ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी ने कहीं।
ब्रेन का यूजर मैनुअल जानना जरूरी
अगर आपको किसी चीज को इस तरह से याद करना है कि उसको आप फिर कभी न भूलें तो इसके लिए आपको ब्रेन प्रिंसिपल्स को समझना होगा। साथ ही ब्रेन के यूजर मैनुअल को जानना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो आप ब्रेन को बहुत से फीचर यूज ही नहीं कर पाएंगे। यह जानना भी जरूरी है कि ब्रेन किन चीजों को आसानी से और जल्दी समझता है।
रिकलेक्शन पर करना होगा काम
स्टूडेंट्स को मेमोराइजेशन के अलावा रिकलेक्शन पर भी काम करना होगा। डॉ। तुषार चेतवानी ने स्टूडेंट्स से कहा कि अब आप 12वीं को पास करने के बाद कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करेंगे और देंगे। उन एग्जाम्स में सिलेबस की लिमिट नहीं होती है। ऐसे में आपको ऐसा मैथड यूज करना होगा, जिससे चीजों को याद करने के बाद भूलना न हो। अभी तक आप जिस मैथड का यूज कर रहे हैं, जिसमें कुछ चीजों को आप मौके पर अक्सर भूल जाते हैं। बाद में वह याद आ जाती हैं। इसका मतलब है कि आप चीजों को भूलते नहीं हैं।
सेशन में स्टूडेंट्स को मेमोरी टेस्ट किया गया। यहां उनको निमोनिक्स मैथड से एक सीरियल से लिखे 15 नामों को मात्र 10 सेकेंड में याद कराया गया। इस मैथड में पहले स्क्रीन पर 15 नामों को लिखा हुआ दिखाया गया। फिर उसी सीरियल में पिक्चर में माध्यम से उन नामों को बताया गया। 10 सेकेंड में दिखाई गई पिक्चर में स्टूडेंट्स ने सभी नामों को अप, डाउन सीरियल और बीच के सीरियल से बड़ी आसानी से याद कर लिया। डॉ। चेतवानी ने बताया कि इस बात से प्रूफ होता है कि देखने के बाद चीजें आसानी से और देर तक याद रहती हैं।
स्टूडेंट्स ने समझा पीएमएस सिस्टम
स्टूडेंट्स को चीजों को याद करने के लिए पर्सनल मीनिंग सिस्टम (पीएमएस) का डेमो दिया गया। यहां पर लॉ आफ इमेजिनेशन का यूज करते हुए देश की राजधानी, करेंसी, किसी प्लेस की फेमस चीजों और कई शब्दों के अर्थों को समझाया गया। मैथड समझाने के बाद स्टूडेंट्स से क्वेश्चन पूछे गए, जिसके स्टूडेंट्स ने करेक्ट आंसर दिए। स्टूडेंटस को चेंज द हैबिटी, चेंज द रिजल्ट का फार्मूला दिया गया।
अपने गोल को लिख लें और रोज देखें
सेशन में डॉ। चेतवानी ने स्टूडेंट्स को बताया कि गोल को लिखें और रोज देखें। ऐसा करने से उसको अचीव करने के चांस बढ़ जाते हैं। बताया कि हार्वर्ड की एक रिसर्च में 84 परसेंट लोग ऐसे मिले, जिनकी लाइफ का कोई गोल नहीं तय था। 13 परसेंट लोगों का गोल तो तय था लेकिन उन्होंने लिखा नहीं था। वहीं तीन परसेंट लोग ऐसे मिले, जिन्होंने गोल को लिख रखा था। जिन लोगों ने गोल को लिख रखा था, उनके गोल में सक्सेस होने के चांस तीन गुना ज्यादा थे। उन्होंने ब्रूसली की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताया कि उन्होंने सक्सेस से पहले अपने गोल को एक लेटर के रुप में लिखकर रखा था वह उसको रोज पढ़ते थे। उसी रिटेल गोल के अनुसार उनको सक्सेस मिली। उन्होंने सचिन तेंदुलकर समेत कई नामी गिरामी लोगों कि सक्सेस स्टोरी को बताया। उन्होंने कहा कि शुरु करना नहीं बल्कि फिनिश करना इंपार्टेंट है।
सेशन में आए स्टूडेंट्स को अमृता विश्व विद्यापीठम के बारे में बताया गया। उनको बताया गया कि इस संस्थान के देश में आठ कैंपस हैं, जिनमें 100 से ज्यादा डिपार्टमेंट और 182 प्रोगाम (यूजी, पीजी और पीएचडी) संचालित किए जाते हैं। यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंसेज, साइंस और ह्यूमैनिटीज समेत कई स्ट्रीम्स में कोर्स चलते हैं। इसके अलावा 11 हजार से ज्यादा इंटरनेशनल जर्नल, 100 पेटेंट, 350 प्रोजेक्ट और 500 पीएचडी की डिग्री जारी की जा चुकी हैं। इसके अलावा संस्थान में 300 से ज्यादा लैब्स हैं। बताया कि प्लेसमेंट के मामले में 90 परसेंट स्टूडेंट के प्लेसमेंट का रिकार्ड है। आप वेबसाइट में विजिट करके कोर्स की जानकारी ले सकते और कॉल भी कर सकते हैं। इन स्कूल्स के स्टूडेंट हुए शामिल
डीपीएस बर्रा, डीपीएस आजाद नगर, सरदार पटेल एकेडमी पब्लिक स्कूल और गुलमोहर पब्लिक स्कूल, केडीएमए इंटरनेशनल, दुर्गाप्रसाद विद्यानिकेतन, कृष्णा फाउंडेशन एकेडमी, बीएसएस एजूकेशन सेंटर, एलबीए और कान्यकुब्ज पब्लिक स्कूल
लकी ड्रा में ये रहे विनर
दीपांशु शुक्ला (सरदार पटेल), हिमांशु सिंह (डीपीएस आजाद नगर) और उत्कर्ष चौरसिया (गुलमोहर), अथर्व बाजपेई, सार्थक पाल (दुर्गाप्रसाद विद्या निकेतन) और रितिक यादव (बीएसएस)।