सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से जेवरात चोरी होने के दो मामले सामने के बाद पुलिस की चुनौती और कठिन हो गई है. बैंक प्रबंधन लॉकर से जेवरात चोरी होने से इन्कार कर रहा है मगर अब दूसरी घटना के सामने आने के बाद पुलिस भी सोच में पड़ गई है. ऐसे में में फीलखाना पुलिस ने लॉकर बनाने वाली कंपनी पर अपनी जांच केंद्रित कर दी है. पड़ताल की जा रही है कि कहीं उसी नंबर की दूसरी चाबी का प्रयोग तो लाकर खोलने के लिए नहीं किया गया. इसीलिए पुलिस ने लाकर से जुड़ी जानकारियां कंपनी से मांगी हैं.


कानपुर (ब्यूरो) इंस्पेक्टर फीलखाना वीर सिंह ने बताया कि कराचीखाना स्थित सेंट्रल बैंक के दो लॉकरों से जेवर चोरी होने के मामले सामने आए हैं। ये बड़ा उलझा हुआ मामला है। ऐसे में पुलिस लॉकर बनाने वाली कंपनी पर जांच ध्यान केंद्रित कर रही है। जांच में सामने आया है कि लाखों लॉकर बिक्री होने की स्थिति में लॉकर निर्माता पुराने नंबरों पर ही चाबियां ढालने लगते हैं। क्योंकि हर लॉकर के लिए नया चाबी नंबर का सांचा तैयार करना संभव नहीं है। संभव है कि लॉकर निर्माता कंपनी के किसी कर्मचारी ने को उसी नंबर की चाबी के नंबर से मिल गए हैं तो इसीलिए यह घटनाएं हुई। लाकर निर्माता कंपनी से कुछ जानकारियां मांगी गई हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि मंजू भट्टाचार्य वाली घटना में अब तक नौ बैंक कर्मचारियों व प्रकरण से जुड़े लोंगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमें बैंक की लापरवाही सामने आई है।

Posted By: Inextlive