लोकल कंट्रोल रूम निकला सुस्त, पुलिस कॉल सेंटर होगा 'चुस्तÓ
कानपुर (ब्यूरो) कोई दो साल पहले नया सिस्टम लागू किया गया था, जिसमें कोई शिकायत की कॉल पहले लखनऊ स्थित मुख्यालय में कॉल जाती थी। इसके बाद उसे संबंधित जिले को ट्रांसफर किया जाता था, हालांकि एक पैरेलल मैसेज का इंतजाम किया गया था लेकिन पीआरवी पर मौजूदकर्मी मुख्यालय के आदेश को मानता था। इससे समय बर्बाद होता था और इवेंट पर पुलिस को पहुंचने में समय लगता था। इस टाइम किलिंग प्रॉसेस को खत्म करने के लिए ये प्लान बनाया गया है। एक दूसरी कमी कॉल रिसीवर हो या मैसेंजर दोनों सरकारी व्यवस्था के तहत काम करते थे, जिससे मॉनीटर पर देर से सूचना फ्लैश होती थी। पुलिस सूत्रों की माने तो नई व्यवस्था की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को दी गई है। जिससे जानकारी मिलने पर तत्काल मैसेज फ्लैश होगा और कुछ ही सेकेंडों में संदेश पीआरवी कर्मियों के पास पहुंच जाएगा। घटनास्थल के पास होने की वजह से गाडिय़ां भी जल्दी पहुंच जाएंगी। इस पूरे प्रॉसेस में तीन मिनट का समय बचेगा।
बढ़ाई जाएंगी गाडिय़ां
पुलिस सूत्रों की माने तो पीआरवी (फोर व्हीलर और टू व्हीलर) की संख्या बढ़ाई जाएगी। नए इवेंट प्लेस चिन्हित किए जाएंगे, जिसके बाद नई गाडिय़ां इवेंट पर भेजी जाएंगी। लोकल पुलिस कॉल सेंटर होने की वजह से जल्दी सूचना मिलेगी और जल्दी ही पुलिस मौैके पर पहुंचेगी।
- मारपीट के मामले में समय लगने की वजह से हो रही थी मौैत।
- तमाम प्रयासों के बाद नहीं मिल रही थी महिला अपराध से मुक्ति
- देरी की वाजह से लॉ एंड आॉर्डर मेंटेन रखने में हो रही थी परेशानी
- कुछ गाडिय़ों के कंडम होने से इवेंट पर नहीं पहुंच पाते थे पुलिसकर्मी
इस कवायद के बाद मिलेगा ये लाभ
- तीन मिनट पहले पहुंचेगी पीआरवी, मिलेगा शिकायतर्का को लाभ
- लॉ एंड ऑर्डर बिगडऩे से पहले पहुंचने पर होगी शांति
- मिशन शक्ति से जुडऩे की वजह से रुकेगा महिला अपराध
- मौके पर निस्तारण होने से पीडि़त और पुलिस दोनों का फायदा
कमिश्नरेट में पुलिस को हाईटेक करने और लोगों को राहत देने के लिए पुलिस कॉल सेंटर बनाने का प्लान है, जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड आर्डर यूपी