कोरोना से जीते, ब्लैक फंगस में फंसे
-शहर में ब्लैक फंगस का एक और केस आया सामने
-कोरोना इंफेक्शन से उबरने के बाद सामने आई प्रॉब्लम, आंखों में सूजन व साइनस में फंगस - युवक की जान बचाने के लिए ऑपरेशन कर निकालनी पड़ेगी आंख, हैलट में कराया गया एडमिट KANPUR: कोरोना को मात देने के बाद अब लोगों को ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) अपनी चपेट में ले रहा है। कमजोर इम्यूनिटी वालों पर ब्लैक फंगस तेजी से अटैक कर रहा है। बीते दिनों हैलट में कोरोना से ठीक हुए दो पेशेंट की म्यूकरमाइकोसिस से मौत के बाद थर्सडे को इसका एक और केस सामने आया है। 30 वर्षीय इस युवक की आंख की रोशनी ब्लैक फंगस ने छीन ली है। उसकी जान पर भी खतरा है। डॉक्टरों के मुताबिक आंख पूरी तरह से प्रभावित है, साइनस में भी फंगस पहुंच चुका है। जान बचाने के लिए ऑपरेशन कर आंख निकालनी पड़ेगी।नाक में प्रॉब्लम होने लगी
नेहरू नगर निवासी 30 वर्षीय हर्ष गौतम कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जीएसवीएम मेडिकल के हैलट के कोविड हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद फ्राइडे को हैलट से डिस्चार्ज किया गया था। डिस्चार्ज होने के बाद जब घर पहुंचे तो उन्हें नाक में दिक्कत महसूस होने लगी। इस पर उन्होंने अशोक नगर में डॉ। रोहित मेहरोत्रा को दिखाया और जांच कराई। उनकी आंख में धुंधलापन और सूजन भी आने लगी थी। इस पर डॉक्टर ने सीटी स्कैन जांच कराई, जिसमें आंख में गड़बड़ी का पता चला। डॉक्टर ने ब्लैक फंगस की आशंका जताते हुए हैलट भेज दिया।
कराई जा रही स्क्रीनिंग हैलट में प्रिंसिपल प्रो। आरबी कमल के निर्देश पर ईएमओ डॉ। आशीष ने एडमिट कराया है। बता दें कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट में ब्लैक फंगस की चपेट में आकर मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं। वहीं प्रिंसिपल ने सेमी इमरजेंसी में एडमिट होने वाले और पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट के लिए आने वाले हर पेशेंट की ब्लैक फंगस को लेकर स्क्रीनिंग के आदेश दिए हैं। -------------- 30 वर्षीय युवक कोरोना से उबरने के बाद डिस्चार्ज किया गया था। उसे डायबिटिज भी है। ब्लैक फंगस की वजह से आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई है। जान बचाने के लिए आंख निकालनी पड़ी तो ऑपरेशन कर उसे निकालेंगे। -प्रो। परवेज खान, नेत्र रोग विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।