- कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल के आखिरी दिन पदमश्री मालिनी अवस्थी ने समा बांधा, आशुतोष राणा बोले कानपुर से शिव ने जोड़ा रिश्ता

>kanpur@inext.co.in

KANPUR: लोकसंगीत में अवध के लखनऊ से कानपुर बिल्कुल अलग है। यह कानपुर ही है तो साहित्य और संगीत में कोई कोई मुरव्वत नहीं करता। कानपुर की नौटंकी को गुलाबबाई ने राष्ट्रीय स्तर पर चमकाया। वह वीमेन इंपावरमेंट की बड़ी कहानी है। नौटंकी के कलाकारों को अंडररेटेड न समझें वह बड़े हुनरमंद हैं। लोकगीत-संगीत में स्त्री का स्थान, बयान और अभिदान टापिक पर पदमश्री मालिनी अवस्थी ने कितना कुछ कहा। कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल के मौके पर वह इसी टॉपिक पर बोल रही थीं।

इस दौरान उन्होंने नौटंकी से ही निकले महिलाओं के किस्सों को अपने गीतों में पिरोया। मैं जमुनिया तोर लाई राजा दादरा गाया तो हर कोई झूम उठा। मालिनी इतने से ही नहीं रुकी उन्होंने नाटक और नकटौरे को कानपुर की ही देन कहा। उन्होंने एक लोक गीत 'प्रीतम चलूं तुम्हारे संग, जंग में पकड़ूंगी तलवार.' भी सुनाया। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा गीत वही है जिसमें साज हो न हो, माइक हो न हो बस मजमा लगना चाहिए।

--------------

कानपुर से शिव ने जोड़ा नाता

लिट्रेचर फेस्टिवल में आए जाने माने फिल्म एक्टर और राइटर आशुतोष राणा ने अपनी बुक मौन मुस्कान की मारपर बात की। उन्होंने बताया कि यह हिंदी बेस्ट सेलर है जिसमें 27 व्यंग्य है। 9 साल बाद कानपुर आए आशुतोष राणा ने कहा कि इस शहर से उनका रिश्ता स्वयं भगवान शिव ने जोड़ा है। पहली बार वह द्ददा जी की ओर से आयोजित सवा करोड़ शिवलिंग के निर्माण के दौरान ही आया था। अपनी आने वाली फिल्मों को लेकर कहा कि अभी वह लखनऊ में फिल्म पगलैट की शूटिंग कर रही है। तीन चार दिनों में वह कानपुर में ही गंगाघाट पर शूटिंग करने भी आएंगे। हैदराबाद में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में वह बोले कि यह तो मां के आस्तित्व पर ही कुठाराघात है.

--------

महाराष्ट्र राजनीति में अनीित का मिरर

कानपुर लिट्रेचर फेस्टिवल के फ‌र्स्ट सेशन में नीति,अनीति, राजनीति टापिक पर बात हुई। जिसमें महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी, सपा प्रवक्ता अनुराग सिंह भदौरिया, सांसद सत्यदेव पचौरी, डॉ.रमेश दीक्षित और संजय कपूर मौजूद रहे। इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे पर दिए बयान पर भी चर्चा हुई तो महाराष्ट्र की राजनीति पर भी। तुषारगांधी ने कहा कि महाराष्ट्र राजनीति में अनीति का ि1मरर है।

टेलीविजन रिफार्म का मीिडयम नहीं

टीवी एक्ट्रेस मेघना मलिक भी फेस्टिवल में पहुंची। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि टेलीविजन रिफार्म का माध्यम नहीं है। समाज की ही आवाज रिफार्म ला सकती है। हैदराबाद रेप मुद्दे पर ही बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुरुष महिला अधिकारों के प्रति इवॉल्व होने से बचते हैं। फेस्टिवल के दौरान साहित्यकार अमृता प्रीतम को भी ट्रिब्यूट दिया गया। जिसमें एक्ट्रेस रसिका अगाशे ने अमृता प्रीतम की कुछ कहानियां सुनाई और उनके फेमिनिस्ट रूप के बारे में भी बात की।

Posted By: Inextlive