एक बार भरो हफ्ते भर तक सांस लो
- मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल्स में अब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से पेशेंट्स को मिलेंगी सांसे
- गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज हादसे से सबक, आईसीयू, ओटी, इमरजेंसी में सप्लाई का ट्रायल शुरूKANPUR: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने से दर्जनों बच्चों की जान चली गई थी। सरकार ने इससे सबक लिया और ऐसा दोबारा न हो, इसके माकूल इंतजाम किए। इसी के तहत जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेन हॉस्पिटल्स में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। जो कि जल्द शुरू हो जाएगा। तीन में से दो एलएमओ प्लांट के लाइसेंस मिलने के बाद उनका ट्रायल भी शुरू हो चुका है। जबकि तीसरे एलएमओ प्लांट के लाइसेंस का प्रॉसेस शुरू हो गया है। एक बार इन प्लांट्स के शुरू होने के बाद सबसे खास बात यह रहेगी कि इससे ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने पर उसे बार बार बदलने का झंझट नहीं रहेगा। एक बार एलएमओ का टैंक फुल होने पर कम से कम एक हफ्ते तक ऑक्सीजन की कमी नहीं पड़ेगी।
10 हजार लीटर ऑक्सीजनमेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में कोलकाता की कंपनी लिंडे ने तीन लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं। हर प्लांट की क्षमता 10 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन स्टोर करने की है। ऑक्सीजन सप्लाई के लिए गाजियाबाद और उत्तराखंड की एक कंपनी से बातचीत चल रही है जोकि तीनों प्लांटों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई करेगी। एक ट्रक लिक्विड ऑक्सीजन से एक प्लांट 7 से 10 दिन तक चल सकेगा। इसकी लागत सिलेंडर से सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन से भी कम आएगी। अभी एलएलआर और संबद्ध अस्पतालों में हर साल एक करोड़ रुपए तक की ऑक्सीजन खरीदी जाती है।
यहां मिलेगा लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का फायदा- - हैलट इमरजेंसी व आईसीयू, ट्रामा ओटी - सर्जरी डिपार्टमेंट ओटी कॉम्प्लेक्स, पीओपी, एनओटी वार्ड - न्यूरो साइंस सेंटर, ओटी और वार्ड - आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट ओटी और पीओपी वार्ड - बालरोग अस्पताल इमरजेंसी - अपर इंडिया हास्पिटल ओटी कॉम्पलेक्स, एनआईसीयू -------------------- वर्जन- दो प्लांट्स पर ऑक्सीजन सप्लाई का ट्रॉयल किया जा रहा है। हैलट इमरजेंसी में भी प्लांट लग चुका है सिर्फ उसकी लाइसेंसिंग की प्रक्रिया चल रही है। जिसके बाद तीनों प्लांट्स से लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। - प्रो। आरके मौर्या, एसआईसी, एलएलआर एंड एसोसिएटेड हास्पिटल्स