ओसामा बिन लादेन का जीवन सफर
वे मोहम्मद बिन लादेन के 52 बच्चों में से 17वें थे। मोहम्मद बिन लादेन सऊदी अरब के अरबपति बिल्डर थे जिनकी कंपनी ने देश की लगभग 80 फ़ीसदी सड़कों का निर्माण किया था। जब ओसामा के पिता की 1968 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हुई और वे युवावस्था में ही करोड़पति बन गए।
सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला अजीज विश्वविद्यालय में सिविल इंज़ीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षकों और छात्रों के संपर्क में आए।समर्थनअनेक बहसों और अध्ययन के बाद वे पश्चिमी देशों में मूल्यों के पतन के ख़िलाफ़ और इस्लाम के कट्टरपंथी गुटों के समर्थन में खड़े हो गए। इससे पहले अपने परिवार के साथ यूरोप में मनाई गई छुट्टियों की तस्वीरों में ओसामा को फैशनेबल कपड़ों में भी देखा गया था।लेकिन दिसंबर 1979 में जब सोवियत संघ ने अफ़ग़ानिस्तान पर हमला किया तो ओसामा ने आरामपरस्त ज़िदंगी को छोड़कर मुजाहिदीन के साथ हाथ मिलाया और शस्त्र उठा लिए।
अफ़ग़ानिस्तान में अरब लोगों के साथ मिलकर अभियान करते वक्त ही उन्होंने अल क़ायदा के मूल संगठन की स्थापना कर ली थी। अफ़ग़ानिस्तान में मुजाहिदीन का साथ देने के बाद जब वो वापस सऊदी अरब पहुँचे तो उन्होंने सऊदी अरब के शासकों का विरोध किया।
ओसामा का मानना था कि सऊदी अरब के शासकों ने ही अमरीकी सेना को सऊदी ज़मीन पर आने के लिए आमंत्रित किया था। मध्य पूर्व में अमरीकी सेना की मौज़ूदगी से नाराज़ ओसामा बिन लादेन ने 1998 में अमरीका के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा कर दी थी।एफ़बीआई के मोस्ट वांटेडवर्ष 1994 में अमरीकी दबाव के कारण सऊदी अरब में उनकी नागरिकता ख़त्म कर दी थी और उसके बाद वे सूडान और फिर जनवरी 1996 में दोबारा अफ़ग़ानिस्तान मे पहुँच गए।ग़ौरतलब है कि वर्ष 1998 में ही कीनिया और तंज़ानिया में अमरीकी दूतावासों में हुए दो बम धमाकों में 224 लोग मारे गए और 5000 घायल हुए। अमरीका ने ओसामा और उनके 16 सहयोगियों को प्रमुख संदिग्ध बताया।इसके बाद अमरीका ओसामा को दुश्मन के रूप में देखने लगा और ख़ुफ़िया एजेंसी एफ़बीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में उन्हें पकड़ने या मारने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की गई।पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में छह प्रशिक्षण शिविरों पर अमरीका ने ओसामा को मारने के मक़सद से 75 क्रूज़ मिसाइल दागे। लेकिन एक घंटे की देरी से उनका निशाना चूक गया।अफ़्रीका में बम घटनाओं के साथ-साथ अमरीका ने उन्हें 1993 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में बम धमाके, 1995 में रियाद में कार बम धमाके, सऊदी अरब में ट्रक बम हमले का दोषी पाया।
9/11 के हमले और ख़ालिद शेख़वर्ष 2001 में अमरीका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावरों के ध्वस्त होने के बाद तो बीबीसी के रक्षा संवाददाता फैकं गार्डनर के अनुसार ओसामा बिन लादेन दुनिया भर में घर-घर में पहचाने जाने वाला नाम बन गए।फ़्रैंक गार्डनर कहते हैं कि जहाँ 9/11 हमलों के बाद ओसामा अनेक पश्चिम देशों और लोगों के लिए 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद' का पर्याय बन गए वहीं कई अन्य लोगों के लिए वो इस्लाम में गहरी श्रद्धा रखने वाले नायक थे, जिन्होंने जिहाद के नाम पर विश्व की दो महाशक्तियों से मुक़ाबला किया।वर्ष 2001 में अमरीकी सेनाओं के अफ़ग़ानिस्तान पर हमले के बाद कई विशेषज्ञों का मानना था कि हो सकता है कि ओसामा तोरा-बोरा की पहाड़ियों में मारे गए हों। लेकिन वे लगातार कुछ कुछ समय में विश्व घटनाओं पर ऑडियो टेप जारी करते रहे।जब पाकिस्तान में अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और फिर हत्या के मामले में ख़ालिद शेख़ मोहम्मद को पकड़ा गया तब ओसामा के बारे में काफ़ी जानकारियों अमरीकियों को मिलीं।
लेकिन फिर कभी अमरीकियों का मानना था कि वे पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर हैं तो कभी ऐसी जानकारी दी जाती थी कि ओसामा का कुछ अता-पता नहीं है।