कम टर्नओवर पर भी हालमार्क ज्वैलरी बेचने के लिए लाइसेंस जरूरी
- बीआईएस के डीजी ने ज्वैलर्स से जुड़े संगठनों के साथ वेबिनार में दी जानकारी
KANPUR@inext.co.in KANPUR: गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री में हालमार्किंग स्कीम को लागू को लेकर बीआईएस की ओर से आयोजित वेबिनार में कई अहम मसलों पर बीआईएस के डीजी प्रमोद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी। हालमार्किंग से जुड़े नियमों को लेकर उन्होंने कई सवालों को लेकर भी सफाई दी। उन्होंने साफ किया कि 40 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले ज्वैलर्स हालमार्किंग के दायरे में नहीं आएंगे, लेकिन अगर वह हालमार्क ज्वैलरी बेचना चाहते हैं तो उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्होंने जानकारी दी कि बीआईएस में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अब किसी प्रकार के डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं करने पड़ रहे हैं और न ही इसके कोई चाजर्1ेस हैं। ज्वैलरी की गारंटी जीवन भर तकवेबिनार में बीआईएस के डीजी ने बताया कि एक बार हॉलमार्क ज्वैलरी खरीदने के बाद उसकी शुद्धता की गारंटी तब तक रहेगी जब तक ज्वैलरी कस्टमर के पास है। वहीं अगर कोई ज्वैलर ज्वैलरी को छोटा या बड़ा करवाता है। जो उसके साइज में बदलाव होने पर वजन में 2 ग्राम तक अंतर में ज्वैलरी के ऊपर छूट रहेगी। इसके अलावा ज्वैलरी की यूनीक आईडी की डिटेल ज्वैलर्स के लिए नहीं बल्कि हालमार्किंग सेंटर को रखना जरूरी है। वही ज्वैलरी पर यूआईडी लगाएगा।
गड़बड़ी पर कार्रवाई होगी वेबिनार के दौरान बीआईएस के डीजी ने जानकारी दी कि किसी हॉलमार्क रजिस्टर्ड ज्वैलर्स के यहां ज्वैलरी की शुद्धता को लेकर शिकायत मिलती है तो उसे नोटिस देकर शुद्धता ठीक करने को कहा जाएगा। अगर कोई ज्वैलर्स नकली हॉलमार्क का प्रयोग कर रहा है या फिर वह शुद्धता के मानक के मुताबिक गलत जानकारी देकर ज्वैलरी बेच रहा है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन भी लिया जाएगा। इसके लिए कस्टमर बीआईएस की वेबसाइट के जरिए अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकता है।