कर चले हम फिदा जानो तन साथियों...
कानपुर (ब्यूरो)। पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए करन सिंह का पार्थिव शरीर चार दिन बाद सोमवार को उनके पैतृक गांव कानपुर के भाऊपुर लाया गया। जब तक सूरज चांद रहेगा करन तेरा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी आवाज से वातावरण गूंज उठा और पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भाऊपुर से बिठूर के गंगा तट तक कोई अपने दोस्त, तो कोई अपने रिश्तेदार करन केअंतिम दर्शन के लिए बेताब था। जिससे कोई रिश्ता नहीं था, उनकी आंखें भी देश भक्त को देखने के लिए बेताब थीं और देखने के बाद नम थीं। राजकीय सम्मान के साथ पार्थिव शरीर काअंतिम संस्कार किया गया।
सूरज निकलने के साथ ही गांव में जुटने लगे थे लोग
सैटरडे को सेना के जवान शहीद करन की पत्नी को अपने साथ पार्थिव शरीर हैैंडओवर करने के लिए ले गए थे, जिसकी वजह से लोगों में पार्थिव शरीर कानपुर न आने का संदेश फैल गया था। यूं तो एक फौजी के लिए पूरे वतन की मिट्टïी ही अपनी होती है लेकिन कानपुर पार्थिव शरीर न लाने पर लोगों में आक्रोश फैल गया। हाईवे जाम कर दिया गया था पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझा बुझा कर शांत किया था। मंडे सूरज की पहली किरण के साथ ही लोग सडक़ों पर हाथ में तिरंगा लिए दिखाई देने लगे थे। कोई अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था तो कोई अपने सहपाठी का। किसी का बेटा तो किसी का भतीजा करन का पार्थिव शरीर गांव आ रहा था। अंतर इतना था कि वह स्वयं आता था लोगों के चेहरे पर खुशी होती थी। पार्थिव शव आने की वजह से आंखे नम थीं। गला भरा हुआ था। मानो बात करते करते अभी रो देंगे। दोपहर शव कानपुर पहुंचने की खबर मिलते ही बीते चार दिनों से आंखों में आंसू गांव सहपाठी युवक हांथ में तिरंगा लेकर गांव के बाहर शहीद साथी के पार्थिव शरीर के आने का इंतज़ार करने लगे।हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोग
शहीद करन के दरवाजे पर भी हजारों की भीड़ जमा हो गई। वहीं प्रशासन ने पहले से अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। तिरंगे में लिपटा शहीद का शव गांव पहुंचते ही उसके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वीर सपूत का शव देख कर परिजन चीत्कार कर उठे। हर आंख नम हो गई और हर दिल में गम। माहौल गमगीन हो गया। कुछ देर घर में पार्थिव शव रखने के बाद अंतिम यात्रा पर निकले शहीद को विदाई देने के लिए आंखों में आंसू और हांथ में तिरंगा लेकर लोगों का हुजूम उनके पीछे पीछे चल पड़ा। बिठूर गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ वीर सपूत को सलामी दी गई। मौके पर पहुंचे मिनिस्टर राकेश सचान, प्रतिभा शुक्ला व अजीत पाल और विधायक राहुल बच्चा सोनकर ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के भाई ने दी मुखाग्नि और पार्थिव शरीर पंचतत्व में हो गया विलीनगंगा घाट के किनारे सेना के नियम और कायदे से पार्थिव शरीर लाया गया। परिजन, रिश्तेदार, दोस्त और ग्रामीणों के साथ दूर-दराज से भी लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए आए थे। शहीद के भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी और इस तरह पंचतत्व में विलीन हुआ वीर सपूत अमर हो गया।बीते गुरुवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुआ था करन
चौबेपुर क्षेत्र भाऊपुर गांव निवासी किसान बालक राम का बड़ा बेटा करन सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे। शनिवार को शहीद की पत्नी बच्चे और भाई को लेकर जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो गए। सोमवार को शव के साथ पत्नी और भाई भी कानपुर पहुंचे, जहां परिजन उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।चकेरी से चौबेपुर तक पुलिस प्रशासन का था इंतजाम संडे को इलाके के लोगों ने हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने एहतियातन इंतजाम कर रखा था। एयरपोर्ट से लेकर चौबेपुर तक पुलिस का इंतजाम किया गया था। डीएम विशाख जी, पुलिस कमिश्नर डॉ। आरके स्वर्णकार, डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार समेत सभी अधिकारी मौजूद थे।