कैमरे के लिए लगी 14 करोड़ 93 लाख रुपए की बोली
यह कैमरा साल 1923 में बने उन शुरुआती 25 कैमरों में से एक है जो कि व्यापारिक उपयोग के लिए बने पहले कैमरे थे। शून्य-सीरीज ब्रांड के इन कैमरों में से अब सिर्फ 12 कैमरे ही बचे हैं।
कैमरे को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में एक गुमनाम व्यक्ति ने खरीदा है। शनिवार को इसकी नीलामी तीन लाख यूरो से शुरू हुई और उम्मीद थी कि ये छह लाख तक पहुंच सकती है। लेकिन जैसे ही इसकी शुरुआत हुई, नीलामी की कीमत बढ़कर 18 लाख यूरो पर पहुंच गई। इससे पहले किसी कैमरे की सबसे महँगी नीलामी साल 2007 में हुई थी। तब यह लीका कैमरा 13.2 लाख यूरो का बिका था।खासियतलीका की स्थापना 1849 में हुई थी और इसकी खासियत इसके लेंस और सूक्ष्मदर्शी थे। इस कंपनी के लेंस इंजीनियर ऑस्कर बर्नाक वैसे तो इंजीनियर थे लेकिन खाली टाइम में वे खुद बहुत ही अच्छे फोटग्राफर थे।दमे की बीमारी से पीड़ित होने की वजह ऑस्कर एक छोटा कैमरा साथ रखना चाहते थे और इसी जरूरत ने उन्हें इस ब्रांड को बनाने के लिेए प्रेरित किया। 35 एमएम फिल्म की शक्ति को पहचानते हुए बर्नाक ने साल 1908 से 1923 के बीच निजी इस्तेमाल के लिए कई लीका कैमरे डिजाइन किए। उनकी ज्यादातर तस्वीरें भी इसी दौर की हैं।
जब उन्होंने इसकी जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी तो 25 शून्य-श्रेणी के कैमरे आंतरिक परीक्षण के लिए बनाए गए। साथ ही ये जानने की भी कोशिश की गई कि क्या दूसरे फोटोग्राफर भी इसे अपनाएंगे।हालांकि इसके बारे में काफी मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली लेकिन कंपनी ने एक तरह से जुआ खेला और एक हजार लीका कैमरों का निर्माण किया। अपने सिकुड़ने वाले लेंसों की खास विशेषता से युक्त इन कैमरों की बिक्री साल 1925 से शुरू हुई। 1932 तक करीब 90,000 लीका कैमरे बिक चुके थे। जर्मनी में सोल्म्स स्थित ये कंपनी आज भी कैमरा बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।