पुल छोडि़ए, इतने में तो फुटपाथ भी नहीं बनेगा
- सालों से लटके दो आरओबी के लिए बजट में मिले सिर्फ एक-एक लाख
- सालों से लटके दादानगर पैरलल ब्रिज और सुजातगंज आरओबी बनाने के लिए इस बार भी बजट में किया मजाक -डेवलपमेंट के नाम पर सिर्फ किए जा रहे खोखले दावे, दोनों ही प्वाइंट पर रोजाना लाखों लोगों को जाम से पड़ता है जूझनाKANPUR: दादा नगर और सुजातगंज चंदारी रेलवे क्रॉसिंग पर रोजाना लाखों लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ता है। समस्या को देखते हुए दोनों ही क्रॉसिंग पर आरओबी बनाने का प्रस्ताव रेलवे मंजूर कर चुका है। लेकिन, करोड़ों के इन प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारने के लिए सबसे जरूरी बजट नहीं मिल पा रहा है। इस साल के बजट में दोनों प्रोजेक्ट को महज एक-एक लाख रुपए रखे गए हैं। बीते सालों भी एक-एक लाख रुपए दिए गए थे। सवाल ये है कि इस पैसे तो एक गली का फुटपाथ नहीं सकता तो पुल कैसे बनेगा। यानि कानपुराइट्स को अभी सालों जाम झेलने के लिए तैयार रहना होगा।
ये साल भी गयागौरतलब है कि 2021-22 के रेल बजट पिंक बुक के आधार पर दादानगर रेलवे क्रासिंग के सेकेंड लेन प्रोजक्ट के लिए सिर्फ एक लाख रुपए का बजट पास हुआ है। वहीं चंदारी स्थित सुजातगंज रेलवे क्रासिंग में आरओबी बनाने के प्रोजक्ट के लिए भी सिर्फ एक लाख रुपए का बजट पास हुआ है। जिससे साफ हो जाता है कि रेलवे ने दोनों प्रोजक्ट को एक साल आगे टाल दिया है। ट्रैक मेंटीनेंस, ट्रेनों का टाइम से संचालन करने, स्पीड बढ़ने और पैसेंजर्स सुविधाओं को लेकर काफी बजट पास हुआ है।
39 करोड़ का प्रोजेक्ट दादानगर रेलवे क्रासिंग में लगने वाले भीषण जाम की वजह से लगभग 8 साल पहले टू लेन का एक साइड का ब्रिज बनाया गया था। दूसरी साइड ब्रिज न होने की वजह से क्रासिंग बंद होने पर जाम की समस्या वहां नहीं खत्म हुई। सिटी के सांसद व विधायकों ने साउथ सिटी में रहने वालों को जाम से निजात दिलाने के लिए 2019 में रेलवे बोर्ड को यहां पर 39 करोड़ से दूसरी लेन का निर्माण करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसको रेलवे बोर्ड ने मंजूरी को दे दी थी लेकिन इसका बजट अभी भी जारी नहीं किया गया. बॉक्स 3 साल से लटका सुजातगंज आरओबीचंदारी से जूही यार्ड रेलवे ट्रैक गुड्स ट्रैक के रूप में जाना जाता है। सुजातगंज रेलवे क्रासिंग में डेली लाखों लोगों को आवागमन होता है। क्रासिंग बंद रहने के दौरान यहां पर सीओडी पुल तक भीषण जाम लग जाता है। जिससे कानपुराइट्स को निजात दिलाने के लिए यहां पर दो साल पहले से आरओबी बनाने का प्रोजक्ट प्रस्तावित है। दो साल से बजट न मिलने की वजह से प्रोजक्ट जस का तस पड़ा हुआ है।
इन मोहल्ले के लोगों का आवागमन -श्याम नगर, सुजातगंज, जवाहरपुरम, गदियाना, दहेली सुजानपुर, स्वर्ण जयन्ती विहार, सतबरी सहित अन्य एरियाज के लोग सुजातगंज रेलवे क्रासिंग से रेलबाजार, टाटमिल, घंटाघर और अन्य एरियाज में डेली आते जाते हैं। साउथ व नार्थ सिटी कनेक्टिविटी साउथ सिटी में रहने वाले हजारों लोग दादानगर रेलवे क्रासिंग के जरिए डेली नार्थ सिटी को आते जाते हैं। इनमें दबौली, बर्रा, गुजैनी, रतनलाल नगर, विश्वबैंक, गोविन्द नगर आदि शामिल हैं। आंकड़े - 2 साल से लटके हैं दोनों प्रोजक्ट - 2021-22 के बजट में भी नहीं मिला पैसा - 8 लाख से अधिक लोगों का डेली दोनों क्रासिंग से आवागमन - 1 लाख रुपए पास इस बजट में दिया गयाइस बजट में ट्रैक मेंटीनेंस, ट्रेनों का टाइम से संचालन करने, स्पीड बढ़ने और पैसेंजर्स सुविधाओं को लेकर काफी बजट पास हुआ है। जहां अधिक जरूरत है। वहां पर पहले आरओबी और सब-वे का निर्माण पहले किया जा रहा है।
अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर