ज्योति हत्याकांड में गुरुवार को कोर्ट ने आरोपियों को दोषी तो करार दे दिया था लेकिन सजा पर फैसला सुरक्षित कर लिया था. इसके बाद सभी छह हत्यारोपियों को पुलिस कस्टडी में जेल भेज दिया गया था. सजा के खौफ में सभी दोषियों की रात जेल में करवटें बदलते बीती. सुबह के इंतजार में किसी को नींद नहीं आई. खास तौर पर पीयूष और मनीषा के लिए दोषी करार दिए जाने के बाद जेल में पहली रात काटना मुश्किल रहा. क्योंकि दोनों ही लंबे समय से बेल पर थे और ऐश-ओ-आराम की जिंदगी बिता रहे थे. जेल सूत्रों के मुताबिक पूरी रात पूरी रात दोनों उठ-उठ कर पानी पीते रहे. दोनों 14 बोतल पानी गए.

कानपुर (ब्यूरो) गुरुवार को दोषी करार दिए जाने के बाद शाम को जेल में आम बंदियों के साथ ही पति पीयूष, उसकी प्रेमिका मनीषा के अलावा मनीषा के ड्राइवर अवधेश व हत्या में शामिल रहे आशीष, सोनू और रेनू को जेल दाखिल किया गया। पीयूष और मनीषा की बेल पहले हो चुकी थी और वे जेल के बाहर थे वहीं आशीष भी जेल के बाहर था जबकि अवधेश, सोनू और रेनू जेल में ही थे।

नही की किसी से बात
जेल सूत्रों की मानें तो सभी छह हत्यारोपियों को विशेष सुरक्षा में रखा गया था। सारी रात उनकी निगरानी का इंतजाम किया गया था। जेल में मनीषा और पीयूष की गुरुवार की रात बहुत भारी रही। सिक्योरिटी में लगे कर्मियों की मानें तो दोनों रात भर करवटें बदलते रहे, कई बार पानी पीने के लिए उठे। पूरी रात सो नहीं पाए। जेल पहुंचने के बाद दोनों ने कुछ भी नहीं खाया। उनसे खाने के लिए पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। सूरज निकलने के बाद दोनों को जल्दी थी। पीयूष ने किसी से बात भी नहीं की, जो भी पूछा गया उसका उत्तर सिर हिलाकर या बहुत धीरे से बोलकर दिया।

पीयूष की वजह से मेरी ये हालत
सूरज निकलते ही जेल के मैनुअल के मुताबिक उन्हे नाश्ता दिया गया, लेकिन दोनों ने नाश्ता भी नहीं किया। मनीषा ने जेल में बंदी रक्षकों से सजा की चर्चा भी की, उसने बताया कि उसका अपराध कम है लिहाजा उसकी सजा कम होगी। वहीं उसने बंदी रक्षकों से ये भी कहा कि उसकी ये हालत पीयूष की वजह से हुई है। जेल वैन से कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को कोर्ट परिसर में बनी हवालात में लाया गया। हवालात मेें भी दोनों गुमसुम ही रहे। तलबी आदेश आने पर हवालात से कोर्ट परिसर में दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया।

Posted By: Inextlive