लंगूरों को 2.88 लाख के पैकेज पर मिली जॉब
कानपुर (ब्यूरो)। शहर में बंदरों का आतंक इस कदर है कि लंगूरों को हैंडसम पैकेज पर जॉब मिलने लगी है। बंदर इस कदर नुकसान पहुंचा रहे हैं कि इनसे निपटने के लिए लोग लंगूर और लंगूर मैन हायर कर रहे हैं। सिर्फ घर ही नहीं, कॉरपोरेट कंपनी, प्राइवेट ऑफिस, इंस्टीट्यूट, रिहायशी सोसाइटी के साथ-साथ गवर्नमेंट ऑफिस में भी लंगूरों को जॉब दी जा रही है। चौंकाने वाली यह है कि इन लंगूरों को ईयरी 2.88 लाख रुपये सैलरी भी दी जा रही है। सिटी में अब तक आधा दर्जन ऐसे संस्थान व सोसाइटी है, जहां पर सैलरीड लंगूर और लंगूर मैन की तैनाती की गई है।
घरों में हाई सिक्योरिटी
सिटी में जिन एरिया में बंदरों का आतंक है, वहां लोगों ने सिक्योरिटी के खास इंतजाम किए हैं। छत पर लगी टंकियों को लोहे के ढक्कन लगा दिए हैं। घर में ग्रिल लगाकर चारों तरफ से बंद कर दिया है, जिससे कोई भी बंदर अंदर न घुस पाए। लोगों को कहना है कि बंदर घर में घुसकर तोडफ़ोड़ करते हैं। खाने पीने का सामान उठा ले जाते हैं। वहीं, छत पर फैले कपड़े तक फाड़ देते हैं। इसी वजह से अब लंगूर का सहारा लिया है।
24 हजार रुपये पर मंथ का पैकेज
लंगूर मैन विक्रम के अनुसार, एक लंगूर की एक मंथ की सैलरी 24 हजार रुपये है। इसके अलावा उसके खाने पीने व रहने की व्यवस्था भी उन्हें करनी होती है जहां उन्हें कॉल पर बुलाया जाता है। एक लंगूर के साथ उसका एक ट्रेनर भी रहता है। लंगूर का पैकेज केवल एक मंथ के लिए नहीं होता वह कम से कम 3 और 6 महीने का होता है। लंगूर मैन विक्रम के अनुसार इसके पीछे उस प्वाइंट पर लंगूर की तैनाती 3 से 6 महीने इसलिए की जाती है ताकि बंदर लंबे समय तक उसे वहां पाए और उस एरिया से लौट जाए।
लंगूर मैन विक्रम बताते है कि कानपुर में आधा दर्जन से ज्यादा सोसाइटी, कंपनी व इंस्टीट्यूट है जहां लंगूर व लंगूर मैन ड्यूटी कर रहे है। इसमें एक रावतपुर स्थित मोती विहार कॉलोनी व एक फेमस इंजीनियर कॉलेज व इंस्टीट्यूट है। यहां पर लंबे समय से ड्यूटी चल रही है। मोती विहार कॉलोनी में बंदरों ने एक बच्चा पर हमला कर दिया जिसके बाद से यहां की सोसाइटी ने लंगूर मैन को परमानेंट कर दिया।
अयोध्या में भी लगी ड्यूटी
22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलाल की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा पर बड़ा आयोजन होने जा रहा है। जिसमें लाखों की संख्या में लोग भी पहुंचेंगे। अयोध्या में बंदरों की सबसे ज्यादा संख्या है और लोगों की सेफ्टी के लिए भी आधा दर्जन लंगूरों की ड्यूटी लगाई गई है। यहीं नहीं राजधानी लखनऊ में जी-20 सम्मेलन में भी लंगूर व लंगूर मैन की ड्यूटी लगाई गई थी। यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली में भी पुलिस आयुक्त कार्यालय में बंदरों के आतंक के चलते उन्हें भगाने के लिए लंगूर मैन की ड्यूटी लगाई गई थी।
लंगूर मैन किए जा रहे ट्रेंड
कोर्ट ने किसी भी जानवर का तमाशा दिखाकर पैसा कमाने पर रोक लगाने के बाद लंगूरों की संख्या कम हो गई है। हालांकि समाज के हित में वन व जंगलों से सिटीज में आने वाले लंगूरों को वन विभाग के निर्देश पर ट्रेनर पकड़ते हैं और कुछ समय तक अपने पास रखते हंै। इस दौरान उन्हें बंदरों को भागने का काम भी लिया जाता है लेकिन कुछ समय बाद उन्हें दोबारा जंगल में छोडऩे का नियम है। लंगूर मैन विक्रम ने बताया कि लंगूर को एक साल से ज्यादा नहीं रख सकते है, उन्हेंं दोबारा वन व जंगल में छोड़ दिया जाता है। इसी के बाद लंगूर मैन को ट्रेंड किया गया। वह लंगूर की तरह आवाज निकालने में माहिर होते हंै और उसी आवाज से वह बंदरों को भगाते हंै।
लंगूर के साथ अब लंगूर मैन को भी जॉब मिल रहा है। बिना लंगूर के उनकी ड्यूटी का पैकेज 20 हजार रुपये पर मंथ है। लंगूर की तरह ही ड्यूटी पैकेज कम से कम 3 व ज्यादा से ज्यादा 6 मंथ का रहता है। बंदरों को भागने के लिए यह लंगूर की तरह घूम घूम कर आवाज निकालते है। विक्रम के अनुसार कई बार हमला करने वाले बंदरों को यह पकड़ते है और वहीं बांध देते है। बंधने से बंदर परेशान होते है और दोबारा वहां नहीं आते है। सेफ्टी के लिए वह हाथ में डंडा भी रखते है ताकि बंदर हमला न कर सके।
लंगूर के कटआउट भी डिमांड
लंगूर व लंगूर मैन के महंगे पैकेज होने से लोग लंगूर के कट आउट का भी जमकर यूज कर रहे है। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में भी बंदरों के आतंक से बचने के लिए पुलिस डिपार्टमेंट ने लंगूर का कटआउट लगवाया। इसके अलाव मेट्रो, रावतपुर व कल्याणपुर के कई स्कूल्स, घरों व ऑफिस में भी लंगूर का कट आउट लोगों ने लगाए है।