घाटमपुर के बगरिया गांव निवासी तीन किसानों की जमीन पावर प्लांट में चली गई है लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला है. जबकि उन्हें एसडीएम और नेयवेली के अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने के साथ आवास की जमीन के पट्टे देने की सहमति दी थी. कई बार अधिकारियों से शिकायत के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है.


(कानपुर ब्यूरो) बगरिया गांव निवासी किसान हरमोहन यादव, किसान मुन्नू पाल, किसान देवी दयाल ने बताया कि उन्हें कई वर्ष पहले सरकार ने पट्टे पर जमीन दी थी। जिसमें तीनों किसानों की लगभग दो बीघा, तीन विस्वा जमीन यमुना तटवर्ती स्थित नेयवेली पावर प्लांट में सन 2019 में गई थी, जिसका उन्हें मुआवजा नहीं मिला है।अधिकारियों ने दिया था आश्वासन


किसानों ने कहा कि नेयवेली के अधिकारी उनकी जमीन पर जब रोड बनवा रहे थे, तो उन्होंने विरोध करने के साथ पहले मुआवजा देने की मांग की थी। मौके पर पहुंचे तत्कालीन एसडीएम वरुण पाण्डेय व नेयवेली पावर प्लांट के सीईओ राकेश रोशन समेत अधिकारियों ने उन्हें आवास बनवाने के लिए सरकारी जमीन चिह्नि कर दी थी.साथ ही उन्हें आवास बनने के बाद उस जमीन का पट्टा करने को कहा था, लेकिन अभी तक उन्हें न तो जमीन का पट्टा मिला है, और न ही मुआवजे की धनराशि मिली है।एसडीएम बोले जांच की जा रही

घाटमपुर एसडीएम अमित गुप्ता ने बताया कि कई वर्ष पहले इन किसानों को जमीन के पट्टे किए गए थे। वहीं जमीन पावर प्लांट में गई है, इसलिए पट्टे खारिज कर दिया गए हैं। जिसके चलते इन किसानों को मुआवजा नहीं मिला होगा। मामला जानकारी में है। जांच की जा रही है।

Posted By: Inextlive