चौकी के पास चाकू से 18 वार कर मर्डर
- 14 दिन पहले नेपाल से परिवार के पास आया था शख्स, पुलिस ने शुरू की जांच
- घर से पुलिस चौकी तक लगे सीसीटीवी की फुटेज से होगी हत्यारों की तलाश KANPUR : चकेरी के जाजमऊ पुलिस चौकी के पास दो दिन पहले एक शख्स की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी फरार हो गए। 17 जनवरी की रात पुलिस को चौकी के पास खून से लथपथ शख्स का शव मिला था। पुलिस ने अज्ञात में पंचनामा भर कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस में परिजनों ने उसकी पहचान की। पीएम रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ दर्जन से ज्यादा चाकू के वार किए गए थे। परिजनों के मुताबिक मृतक नेपाल में रहता था। पुलिस इस मामले को नेपाल से जोड़ कर देख रही है। इस तरह से हुई वारदातजाजमऊ ऊंचा टीला जिन्नातों वाली मस्जिद के पास रहने वाले 50 साल के लियाकत अली का नेपाल में बुटीक है। वे कपड़ा सिलाई के कारीगर हैं। 5 जनवरी को वे नेपाल से कानपुर आए थे। 17 जनवरी की शाम वे घर से बाजार जाने के लिए कहकर निकले थे। देर रात तक वापस न आने पर पत्नी फमीदा खातून और परिवार वाले उनका इंतजार कर रहे थे। वहीं जाजमऊ चौकी की पुलिस के मुताबिक देर रात उन्हें चौकी से चंद कदम की दूरी पर डेडबॉडी मिली थी। जिसे उन्होंने अज्ञात में पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
नेपाल से तो नहीं जुड़े तार ट्यूजडे को परिवार वालों ने पोस्टमार्टम हाउस में लियाकत की पहचान की। जिसके बाद उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों के मुताबिक लियाकत की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। इस वजह से पुलिस नेपाल से इस हत्या के तार जोड़ रही है। पुलिस का मानना है कि नेपाल में किसी विवाद के बाद यह मर्डर किया गया है। आग तापती रही पुलिस 17 जनवरी की शाम गलन बढ़ी हुई थी। चौकी में तैनात पुलिसकर्मी चौकी परिसर में ही आग ताप रहे थे। इसी दौरान हत्यारोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। आस पास के लोगों से पुलिस ने पूछताछ की लेकिन वारदात के होने की जानकारी नहीं मिली। अब अगर पुलिस की थ्योरी ये मान ली जाए कि कहीं और हत्या कर डेडबॉडी फेंकी गई। तो लियाकत के घर से चौकी तक कहीं भी सन्नाटा नहीं है। साथ ही घटनास्थल पर मिले एविडेंस भी वारदात को वहीं होने का इशारा कर रहे हैं।'' सीसीटीवी फुटेज और आस पास के लोगों से जानकारी कर हत्यारोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। लियाकत के नेपाली सिम की जानकारी भी की जाएगी.''
डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी/एसएसपी कानपुर