साढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग दलित बच्ची से गैंगरेप के मामले में खाकी सवालों के घेरे में घिर गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया. आरोपियों को राहत देने की जानकारी मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण एसपी आउटर ऑफिस पहुंचे और सीओ घाटमपुर पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. सीओ का कहना था कि मेडिकल में रेप की पुष्टि नहीं हुई है. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है.

कानपुर (ब्यूरो) 17 साल की दलित किशोरी अपनी बहन के साथ 29 अगस्त को खेत पर काम कर रही थी। इस दौरान वह शौच को गई तो पास में बने बोर में मौजूद जय नारायण साहू और प्रांशू ठाकुर ने उसे दबोच लिया। गैंगरेप करने के बाद उसे जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले। किशोरी बदहवास हालत में घर पहुंची और वारदात की जानकारी दी। जिसके बाद परिजनों ने साढ़ थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप, एससी एसटी एक्ट और पाक्सो एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज कराई थी।

30 अगस्त को गिरफ्तारी
साढ़ थाने की पुलिस ने दबिश देते हुए दोनों आरोपियों को 30 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जेल नहीं भेजा। इधर सीओ घाटमपुर तेज बहादुर सिंह ने अपने बयान में कहा कि मेडिकल में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। आरोप यह भी है कि पुलिस 2 लाख रुपए में समझौते का दबाव बना रही है। पुलिस की हीलाहवाली से नाराज ग्रामीणों ने एसपी ऑफिस का घेराव किया। हंगामा बढ़ता देख एसपी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। किसी भी तरह की राहत नहीं दी गई है। तब जाकर हंगामा शांत हुआ। एसपी आउटर ने बताया कि पूछताछ पूरी होते ही दोनों को जेल भेजा जाएगा।

सीओ की भूमिका संदिग्ध
किशोरी से गैंगरेप के दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी होने के दो दिन बाद भी जेल नहीं भेजा गया। इसके साथ ही परिजनों को घाटमपुर सीओ तेज बहादुर सिंह ने बताया कि मेडिकल में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिसकर्मियों ने समझौते का भी दबाव बनाया। इन सभी तथ्यों की जानकारी होने पर एसपी आउटर ने सीओ घाटमपुर को फटकार लगाई। इसके साथ ही थानेदार को पूरी कार्यवाही से पीडि़ता के परिजनों को अपडेट कराने को कहा।

Posted By: Inextlive