डीड शर्तो का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ केडीए की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही. मंडे को केडीए ने शास्त्री नगर स्थित 2.89 एकड़ जमीन पर अपना कब्जा वापस लिया. रीएंट्री कराने के अलावा केडीए ने इस जमीन पर बाउंड्रीवॉल बनाने का काम भी शुरू कर दिया. इस जमीन की कीमत तकरीबन 225 करोड़ रुपए बताई जा रही है. केडीए ऑफिसर्स यहां रेजीडेंशियल या फिर कॉमर्शियल प्रोजेक्ट लाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए टोटल स्टेशन सर्वे भी शुरू करा दिया है.


कानपुर (ब्यूरो) केडीए के मुताबिक, मार्च 1959 को कानपुर डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा एच-ब्लॉक, एफ डब्ल्यू एरिया स्कीम नं.1 की 22.27 एकड़ जमीन लक्ष्मी रतन कॉटन मिल्स के पक्ष में लीज डीड के तहत दी गई थी। डीड के तहत 22.27 एकड़ जमीन के अलावा 15 एकड़ जमीन मिल को और दी जानी थी। डीड में साफ था यह जमीन श्रमिकों के घर बनाने के लिए है। लेकिन 1960 जनवरी में डेवलपमेंट बोर्ड और लक्ष्मी रतन कॉटन मिल्स के बीच एक समझौता हुआ। जिसके मुताबिक डेवलपमेंट बोर्ड ने मिल को प्लॉट नम्बर 4 एच ब्लाक, एचएनएस विजय नगर शास्त्री नगर में एक्सटेंशन के लिए 2.89 एकड़ भूमि दी लेकन प्लॉट की कोई रजिस्ट्री या लीजडीड नहीं की गई। 1975 में लक्ष्मीरतन कॉटन मिल्स द्वारा देनदारियों की भरपाई के लिए यह जमीन पंजाब कॉटन मिल्स कंपनी को ट्रांसफर कर दी गई जबकि मिल के पास जमीन ट्रांसफर का कोई अधिकार नहीं था।

Posted By: Inextlive