जिंदगी जीने के लिए होती है. अपने लिए समाज के लिए और देश के लिए कुछ करने के लिए होती है. जिंदगी हर कदम नया रूप दिखाती है चुनौतियों और संघर्ष से भरी होती है जिंदगी. इन्हीं चुनौतियों से लडऩा और जीतना जिंदगी को रोमांचित करता है. गम के बाद खुशी और सुख के बाद दुख. यही जिंदगी का चक्र है. लेकिन कानपुराइट्स खास कर यूथ छोटी छोटी बातों में ही जिंदगी से मुंह मोह लड़ते हैं.


कानपुर (ब्यूरो)। जिंदगी जीने के लिए होती है। अपने लिए, समाज के लिए और देश के लिए कुछ करने के लिए होती है। जिंदगी हर कदम नया रूप दिखाती है, चुनौतियों और संघर्ष से भरी होती है जिंदगी। इन्हीं चुनौतियों से लडऩा और जीतना जिंदगी को रोमांचित करता है। गम के बाद खुशी और सुख के बाद दुख। यही जिंदगी का चक्र है। लेकिन कानपुराइट्स खास कर यूथ छोटी छोटी बातों में ही जिंदगी से मुंह मोह लड़ते हैं। संघर्ष के बजाए जिंदगी खत्म करने का रास्ता चुन लेते हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में सुसाइड के मामले में कानपुर नंबर वन है। 11 महीने में 1300 पार


2023 के बीते 11 महीनों की बात करें तो कानपुर में सुसाइड आंकड़ा 1300 को पार कर गया है। इसमें जान देने वाले सबसे ज्यादा यूथ हैैं। कोई मनचाहा कॅरियर न बना पाने तो कोई प्यार में धोखा मिलने तो कोई बीमारी से हार कर जिंदगी क डोर तोड़ रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये निकल कर आई है कि लोग बेवजह भी जान दे रहे हैैं। यहां 12 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के सीनियर सिटीजन तक अपनी ही जान के दुश्मन बन रहे हैं। लगातार बढ़ रहा ये आंकड़ा लोगों को डरा रहा है।

जान देने में महिलाओं से आगे पुरुषएनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, कानपुर में 2022 में 438 लोगों ने जान दी है। जिसमें पुरुषों की संख्या 323 है और महिलाओं की संख्या 115 है। हालात साफ हैैं पुरुषों से ज्यादा महिलाएं मजबूत हैैं। अगर 2023 की बात की जाए तो 11 महीनों में 12 से 18 साल के लोगों की जान देने की संख्या 129 रही है। वहीं 19 से 30 साल को लोगों की संख्या 598 रही है। 30 से 45 साल वालों की संख्या 422 और 45 से 151 रही है। हालांकि इस साल के आंकड़ों में जुडऩे के लिए अभी एक महीना बाकी है। इसमें आंकड़ा चार गुना पहुंच सकता है।डराने लगे सुसाइड के आंकड़े


ताज नगरी यानी आगरा के एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ये एक साल के अंदर तीन गुना बढ़े हैैं। वहीं अगर कानपुर की बात की जाए तो चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। 2021 में जहां प्रतिदिन एक व्यक्ति जान दे रहा था। वहीं 2022 में कानपुर में ये संख्या दोगुनी हो गई। 2023 में अगर इस आंकड़े को देखें तो प्रतिदिन औसत चार लोग जान दे रहे हैैं। 2023 के 11 महीने में यानी जनवरी से लेकर नवंबर तक ये संख्या 1300 पार कर गई यानी कानपुर में जान देने वालों की संख्या पहले से तीन गुनी है।

Posted By: Inextlive