लॉकडाउन से जू की इनकम 'लॉक'
-पहली बार मंडे को भी चिडि़याघर खोलने का लिया निर्णय, कोविड प्रोटोकाल के नियमों का करना होगा पालन
- 20 से 25 लाख का राजस्व चिडि़याघर को मार्च में मिलता था - 11 लाख रुपए हो गया घटकर यह एमाउंट कोविड 19 की वजह से - 02 हजार के करीब दर्शक रोज आते थे कानपुर चिडि़याघर में कोरोना काल से पहले - 150 से 200 लोग ही एवरेज आ रहे हैं कोरोना काल में इन दिनोंKANPUR: पहले बर्ड फ्लू और उसके बाद कोविड 19 के ग्रहण से कानपुर चिडि़याघर को बहुत नुकसान हो रहा है। जहां जानवरों को बचाने में मोटी रकम खर्च की जा रही है। वहीं मार्च में मिलने वाला 20 से 25 लाख रुपए का राजस्व अब घटकर 11 लाख रुपए तक पहुंच गया है। साथ ही सैटरडे और संडे की बंदी से चिडि़याघर के राजस्व को तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि इन्हीं दो दिनों में सबसे ज्यादा दर्शक घूमने के लिए आते हैं। घाटे को कम करने के लिए चिडि़याघर प्रशासन ने पहली बार सोमवार को भी चिडि़याघर खोले जाने का निर्णय ि1लया है।
अप्रैल में सिर्फ 5.50 लाख मिलेअप्रैल में 18 से 20 लाख की बजाय महज साढ़े पांच लाख ही चिडि़याघर को टिकट, कैंटीन, साइकिल स्टैंड व अन्य संसाधनों से मिल सके हैं। हालत यह है कि दर्शक न आने के कारण कैंटीन के ठेकेदार मुंह मोड़ने लगे हैं। वह अपना ठेका खत्म करने की बात चिडि़याघर प्रशासन से कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब दर्शक नहीं हैं तो वह कहां से इसके ठेके का पैसा दे पाएंगे।
हाईलाइटर्स - वर्ष 2019 में चिडि़याघर को तीन करोड़ 10 लाख का राजस्व टिकट, खानपान स्टॉल, साइकिल स्टैंड समेत अन्य मदों से मिला था - जबकि 2020 में लॉकडाउन के कारण राजस्व जीरो होने के कारण वन्य जीवों के खानपान के लिए भी इंतजाम करना मुश्किल हो गया था। - इस वर्ष कोरोना के मामले बढ़ने के कारण महज डेढ़ सौ से दो सौ दर्शक ही रोजाना आ रहा थे जबकि पहले डेढ़ से दो हजार दर्शक आया करते थे। - उस पर दो दिन की साप्ताहिक बंदी के कारण राजस्व और घट गया जिसके चलते सोमवार को इसे खोला जा रहा है। मंडे को बाड़े की साफ सफाई और मेंटीनेंस के लिए साप्ताहिक बंदी रहती है। यह पहली बार है जब साप्ताहिक बंदी में चिडि़याघर दर्शकों के लिए खोला जाएगा। डॉ। अर¨वद सिंह, सहायक निदेशक