कक्षा पांच की छात्रा से आरोपितों ने सात माह तक सामूहिक दुष्कर्म किया. गर्भ ठहरने पर आरोपितों ने गर्भपात करा दिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी.

कानपुर (ब्यूरो)। करीब नौ वर्ष पूर्व शिवराजपुर के एक गांव में कक्षा पांच की छात्रा से आरोपितों ने सात माह तक सामूहिक दुष्कर्म किया। गर्भ ठहरने पर आरोपितों ने गर्भपात करा दिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। मामले में पीडि़त पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी सुनवाई पाक्सो कोर्ट में चल रही थी। नियत तिथि पर मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपित दोनों भाइयों को 20-20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं घटना में सहयोगी महिला को एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है।

पत्नी कमरे में कर देती थी बंद

शिवराजपुर के एक गांव निवासी कक्षा पांच की छात्रा ने 18 मई 2014 को पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि गांव के रहने वाले रज्जन लाल और उसका भाई अरुण कुमार लगातार सात माह से उससे सामूहिक दुष्कर्म कर रहे हैं। इसमें रज्जन लाल की पत्नी शांति देवी पूरा सहयोग करती है। वह उसे बहलाकर अपने घर ले जाती थी और कमरे में बंद कर देती थी। गर्भवती होने पर 10 मई 2014 को इन लोगों ने गांव की एक नर्स को बुलाकर गर्भपात करा दिया था।

दरिंदों को मिली सजा

पुलिस ने मामले में विवेचना कर सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय मे दाखिल किए। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 पाक्सो बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में चल रही थी। नियत तिथि पर शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान बचाव व अभियोजन में जोरदार बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपित रज्जनलाल और उसके भाई अरुण कुमार को दोष सिद्ध करते हुए 20-20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं शांति देवी को एक साल कारावास की सजा सुनाई गई है।

साक्ष्य के अभाव में छुटी नर्स

सहायक शासकीय अधिवक्ता राम रक्षित शर्मा व विकास ङ्क्षसह ने बताया कि मामले में दोषी रज्जनलाल और अरुण कुमार पर 31 - 31 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतरिक्त कारावास काटना होगा। वहीं मामले में आरोपित नर्स को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।

Posted By: Inextlive