स्कूल एजूकेशन के मामले में यूपी के 75 जिलों में 57वें स्थान पर हैं कानपुर, डिजिटल लर्निंग में हुआ फेल
कानपुर (दिव्यांश सिंह)। स्कूल एजूकेशन की बात करें तो साल 2021-22 के परफार्मेंस में आपका कानपुर नगर प्रदेश के 75 जिलों में 57वें स्थान पर है। इसके अलावा अगर डिजिटल लर्निंग की बात करें तो आपका जिला उस कैटेगरी मेें फेल साबित हुआ है। यह खुलासा सेंट्रल गवर्नमेंट के मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन, डिपार्टमेंट आफ स्कूल एजूकेशन एंड लिटरेसी की ओर से जारी किए गए, परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स फॉर डिस्ट्रिक्स ऑफ इंडिया (पीजीआई-डी) कंबाइंड रिपोर्ट फॉर द ईयर 2020-21 और 2021-22 में हुआ है। जारी इंडेक्स में कानपुर की स्थिति डिस्ट्रिक के स्कूलों और स्कूल एजूकेशन के जिम्मेदार अफसरों पर सवालिया निशान लगाने के लिए काफी है।
कुछ इस तरह बना इंडेक्स
मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन की ओर से जारी पीजीआई- डी में छह कैटेगरी को रखा गया है। हर कैटेगरी में जिलों को अलग अलग नंबर दिए गए हैैं। कैटेगरी मेें लर्निंग आउटकम के 290, इफेक्टिव क्लासरुम ट्रांजेक्शन (ईसीटी) के 90, इंफ्रास्ट्रक्चर, फैसिलिटी, स्टूडेंट इंट्लीमेंट्स (आईएफ एंड एसई) में 51, स्कूल सेफ्टी एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन के 35, डिजिटल लर्निंग के 50 और गवर्नेंस प्रोसेस के 84 नंबरों को रखा गया है। इनके ओवरआल टोटल नंबर 600 के आधार पर मिले नंबर्स के बेस पर जिलों को नंबर दिए गए हैैं, जिनके आधार पर उनकी रैैंक तय हुई है। डाटा कलेक्शन की बात करें तो एकीकृत जिला सूचना सिस्टम फॉर एजूकेशन (यू-डायस), नेशनल एचीवमेंट सर्वे (एनएएस) और संबधित जिलों की ओर से दिए गए डाटा के आधार पर रिपोर्ट को तैयार किया गया है।
इंडेक्स में यूपी की स्थिति
पीजीआई-डी में प्रदेश का एक भी जिला दक्ष उच्चतम, उत्कर्ष और अति उत्तम ग्रेड में नहीं है। 2021-22 की रिपोर्ट में यूपी के 15 जले उत्तम, 56 जिले प्रचेष्टा वन और 04 जिले प्रचेष्टा 02 ग्रेड मेें रखे गए है। छह अफसर हैं स्कूल एजूकेशन के जिम्मेदार
जिले में स्कूल एजूकेशन के जिम्मेदार 06 अफसर हैैं। इन अफसरों में संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), उप निदेशक शिक्षा (माध्यमिक), डीआईओएस 01, डीआईओएस 02, एडी बेसिक और बीएसए हैैं। इनके अलावा निरीक्षक, एबीएसए और डीसी समेत दर्जनों अफसर जिले में काम कर रहे हैैं। रिपोर्ट से साफ है कि स्कूल एजूकेशन के जिम्मेदार यह अफसर केवल एसी दफ्तरों और एसी गाडिय़ों में ऐशोआराम से अपनी नौकरी को काट रहे हैैं। यदि यह अफसर ग्राउंड लेबल पर काम कर रहे होते तो शायद जिले की स्थिति इतनी बदतर न होती।
छोटे जिले निकल गए आगे
पीजीआई-डी में कानपुर नगर से छोटे जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कानपुर नगर से सटे जिले कानपुर देहात को 347 माक्र्स मिले हैैं। इसके अलावा शाहजहांपुर कौशांबी, एटा, हरदोई, मऊ, कन्नौज, इटावा, औरैया, गोंडा, महोबा और फर्रुखाबाद समेत कई जिले कानपुर नगर से बेहतर हैैं।
आउटकम 290 104
ईसीटी 90 77
आईएफ एंड एसई 51 32
एसएस एंड सीपी 35 35
डिजिटल लर्निंग 50 10
गवर्नेंस प्रोसेस 84 60
टोटल 600 318
बीते सालों में कानपुर नगर की स्थिति (माक्र्स टोटल 600 में) 2020-21 - 339
2019-20 - 346
2018-19 - 346
ग्रेड - प्रचेष्टा वन
अचीव माक्र्स के परसेंटेज के आधार पर मिला ग्रेड दक्ष उच्चतम - 90 परसेंट से ऊपर
उत्कर्ष - 81 से 90 परसेंट
अति उत्तम - 71 से 80 परसेंट
उत्तम - 61 से 70 परसेंट
प्रचेष्टा 01 - 51 से 60 परसेंट
प्रचेष्टा 02 - 41 से 50 परसेंट
प्रचेष्टा 03 - 31 से 40 परसेंट
आकांक्षी 01 - 21 से 30 परसेंट
आकांक्षी 02 - 11 से 20 परसेंट
आकांक्षी 03 - 10 परसेंट से कम यह हैैं प्रदेश के टॉप 5 जिले और उनके अचीव माक्र्स गौतम बुद्ध नगर - 386
मथुरा - 381
वाराणसी - 380
देवरिया - 376
गोरखपुर - 371 बोले जिम्मेदार आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी देखा जाएगा कि किस आधार पर इंडेक्स बना है और हम क्यों पीछे जा रहे हैैं। आने वाले सालों में अच्छे परिणाम आएं इसके लिए प्लान बनेगा और उसको ग्राउंड लेबल पर लागू कराया जाएगा।
सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए
इंडेक्स में लिए गए सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की जाएगी। स्कूल के मैनेजर्स और अफसरों संग मिलकर ऐसा प्लान बनेगा, जिससे अगले साल के इंडेक्स मेें हमारा जिला बेहतर हो सके। जिन कैटेगरी में नंबर कम मिले हैैं। उनका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
डॉ फतेह बहादुर सिंह, डीआईओएस