कानपुर जू के आसपास बन रही ऊंची इमारतों से जानवरों को परेशानी हो रही है. शोर की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. वे बाड़ों में सहमे-सहमे से रहते हैं. चिडिय़ाघर के आस-पास शोर न हो इसके लिए साइलेंस जोन के बोर्ड लगाए जाएंगे.

कानपुर (ब्यूरो)। कानपुर जू के आसपास बन रही ऊंची इमारतों से जानवरों को परेशानी हो रही है। शोर की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। वे बाड़ों में सहमे-सहमे से रहते हैं। चिडिय़ाघर के आस-पास शोर न हो, इसके लिए साइलेंस जोन के बोर्ड लगाए जाएंगे।

पहले था जंगल

कानपुर जू की शुरूआत वर्ष 1974 में हुई थी। जिस जगह पर जू है, उस समय वहां जंगल था, इसे अब भी एलेन फारेस्ट कहा जाता है। उस समय यहां की आबादी बहुत कम थी। शांत वातावरण में जानवरों को भी कोई परेशानी नहीं होती थी। इस क्षेत्र में धीरे-धीरे आबादी बढऩे के साथ मकानों व ऊंची इमारतों का निर्माण भी होने लगा। वाहनों का शोर भी जू के अंदर तक पहुंचने लगा। जू प्रशासन का मानना है ऊंची इमारतों व फ्लैट््स की वजह से जानवरों को परेशानी हो रही है। इनसे होने वाले शोर से वे डर रहे है। जू प्रशासन इसको लेकर गंभीर है।
कानपुर जू के आसपास इमारतों व वाहनों के शोर की वजह से ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। इसकी वजह से जानवरों को परेशानी हो रही है। जू के आसपास 100 मीटर के दायरे में साइलेंस जोन के बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला पर्यावरण समिति को भी पत्र लिखा जाएगा।
कृष्ण कुमार ङ्क्षसह, डायरेक्टर, कानपुर जू

Posted By: Inextlive