विदेश में या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में यूथ को जॉब में कोई प्रॉब्लम न हो इसलिए अब उन्हें फ्री में फॉरेन लैैंग्वेज सिखाई जाएगी. इस काम को करने के लिए प्राइमरी स्टेज पर रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू हो गया है. जर्मन फ्रेंच और स्पेनिस फॉरेन लैैंग्वेज सिखाने का काम यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन की ओर से किया जाएगा.

कानपुर (ब्यूरो)। विदेश में या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में यूथ को जॉब में कोई प्रॉब्लम न हो, इसलिए अब उन्हें फ्री में फॉरेन लैैंग्वेज सिखाई जाएगी। इस काम को करने के लिए प्राइमरी स्टेज पर रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू हो गया है। जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिस (फॉरेन लैैंग्वेज) सिखाने का काम यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन की ओर से किया जाएगा। मिशन के लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर से सिटी के इंजीनियरिंग कालेज, पॉलीटेक्निक और आईटीआई में लैंग्वेज सीखने के लिए स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर लेटर भेज दिया गया है। फ्री में फॉरेन लैैंग्वेज सीखने का उद्देश्य यूथ को फॉरेन में जॉब करने के लिए तैयार करना है।

192 घंटे का होगा प्रोग्राम

इस फॉरेन लैग्वेज प्रोग्राम को स्पांसर्ड यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन की ओर से किया जाएगा। इसके अलावा ट्रेनिंग देने का काम काम लखनऊ यूनिवर्सिटी की इंग्लिश एंड फॉरेन लैैंग्वेज फैकल्टी करेगी। कोर्स के समय की बात करें तो वह 192 घंटे का है। इसको वीकेंड पर चलाया जाएगा। ताकि किसी अन्य कोर्स या प्रोफेशन से जुड़े व्यक्ति को समय को लेकर कोई भी परेशानी न हो। वीकेंड पर दो दिन दो-दो घंटे कोर्स चलाने का प्लान है। जिससे एक से डेढ़ साल में कोर्स कंपलीट हो सके।

स्टूडेंट, प्रोफेशनल या यूथ

इस प्रोग्राम को करने के लिए आपको स्टूडेंट या प्रोफेशनल होने की आवश्यकता नहीं है। इसमे कोई भी रजिस्टर कराकर ट्रेनिंग ले सकता है। इस कोर्स को करके आप अपनी लैैंग्वेज स्किल को डेवलप कर सकते हैैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि फॉरेन लैैंग्वेज कोर्स को फ्री में कराया जाए। कोर्स के पूरा होने के बाद एक एग्जाम होगा, जिसको पास करने वाले स्टूडेंट्स को संबंधित लैंग्वेज का सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर और टूरिज्म एंड हास्पिटैलिटी पर फोकस
इस कोर्स को कराने के लिए फस्र्ट फेज में इंजीनियरिंग, नर्सिंग, हेल्थकेयर और टूरिज्म एंड हास्पिटैलिटी मैनेजमेंट से जुड़े या पढ़ाई कर रहे यूथ पर फोकस किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इन कोर्सेज को करने के बाद फ्रांस और कनाडा समेत कई देशों में नौकरी की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इसके अलावा नौकरी के लिए तैयार किया जाने वाला रिज्यूम में वेटेज बढ़ेगा। इसके अलावा एमएनसी कंपनीज जॉब देने में वरीयता देंगी।

अभी तक देनी पड़ रही है फीस

अभी तक फॉरेन लैैंग्वेज को सीखने के लिए सिटी में दो बड़े संस्थान एचबीटीयू और सीएसजेएमयू मौका देते हैैं। लेकिन दोनों संस्थानों में यह कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड पर चलता है, जिसमें स्टूडेंट्स को अच्छी खासी फीस देनी पड़ती है। जबकि यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन की ओर से चलने वाला कोर्स फ्री है। और कोई भी इसमें एडमिशन ले सकता है।

जॉब में मिलता है फायदा

सीएसजेएमयू के प्लेसमेंट सेल हेड डॉ। प्रभात कुमार द्विवेदी का कहना है कि फॉरेन लैैंग्वेज सीखने का फायदा इंडियन कंपनीज में कम मिलता है। लेकिन फॉरेन बेस्ड कंपनी, फॉरेन से काम करने वाले कॉल सेंटर, फॉरेन से बिजनेस करने वाली कंपनी और एमएनसी में इनका फायदा मिलता है। नौकरी के समय इन लैैंग्वेज की डिमांड करने वाली पैकेज अच्छा देती हैैं। इसके अलावा आपकी लैैंग्वेज स्किल तो डेवलप हो जाती है।

Posted By: Inextlive