चार सालों में तीन गुना बढ़े डब्ल्यूटी पैसेंजर्स
- बिना टिकट ट्रेनों में सफर करने वालों पर होने वाली कार्रवाई के आंकड़े साल दर साल बढ़ रहे
KANPUR। ज्यों ज्यों किया इलाज, मर्ज बढ़ता गया बेहद पुरानी इस कहावत के जैसा ही हाल रेलवे का है। लगातार चेकिंग, छापेमारी और जुर्माने में बढ़ोत्तरी के बाद भी बिना टिकट पैसेंजर्स की संख्या कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि चार साल के अंदर बिना टिकट पैसेंजर्स की संख्या में लगभग तीन गुना इजाफा हुआ है। हालांकि रेलवे ऑफिसर्स का कहना है कि डब्ल्यूटी पैसेंजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ने के पीछे सख्ती और लगातार चेकिंग अभियान हैं। सीआईटी के एक टीम लगातार डब्ल्यूटी पैसेंजर्स को पकड़ रही है। चार सालों में डब्ल्यूटी पर हुई कार्रवाईईयर मंथ केस
2015 अप्रैल 2112 2016 अप्रैल 39252017 अप्रैल 4396
2018 अप्रैल 5472 2019 अप्रैल 5874 डब्ल्यूटी से वसूला गया जुर्माना ईयर मंथ पैसा 2015 अप्रैल 7,76490 2016 अप्रैल 17,15065 2017 अप्रैल 20, 47345 2018 अप्रैल 24, 87985 2019 अप्रैल 28, 41305 चार वर्ष में डब्ल्यूटी के टोटल केस वर्ष मंथ केस2015 9 29151
2016 12 56344 2017 12 66709 2018 12 79500 किस मंथ में कितनी प्रतिशत की ग्रोथ मंथ ग्रोथ अप्रैल 7 प्रतिशत मई 9 प्रतिशत जून 2.1 प्रतिशत जुलाई में 7.5 प्रतिशत अगस्त में 7.2 प्रतिशत सितंबर में 6.7 प्रतिशत अक्टूबर में 9.6 प्रतिशत नवंबर में 12.8 प्रतिशतदिसंबर में 7.9 प्रतिशत
जनवरी में 1.4 प्रतिशत फरवरी में 2.5 प्रतिशत मार्च में 5 प्रतिशत नोट: ग्रोथ 2018-19 में 2017-18 की तुलना में ट्रेनों में विद आउट टिकट 'डब्ल्यूटी' जर्नी करने वाले पैसेंजर्स के खिलाफ लगातार अभियान चला कार्रवाई की जा रही है। इन चार सालों में लगातार डब्ल्यूटी केस चार्ज करने व जुर्माना वसूलने में बढ़ोत्तरी हो रही है। दिवाकर तिवारी, सीआईटी, कानपुर सेंट्रल स्टेशन