सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर 22 नवंबर की रात 11.57 बजे श्रमशक्ति एक्सप्रेस दिल्ली जाने के लिए तैयार थी. जनरल कोच में जद्दोजहद के बाद एक महिला चढ़ गई लेकिन उनके साथ अन्य दो महिलाएं दो पुरुष व एक च्च्चा कोच में नहीं चढ़ सके. इसी बीच श्रमशक्ति चल दी.

कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर 22 नवंबर की रात 11.57 बजे श्रमशक्ति एक्सप्रेस दिल्ली जाने के लिए तैयार थी। जनरल कोच में जद्दोजहद के बाद एक महिला चढ़ गई लेकिन उनके साथ अन्य दो महिलाएं दो पुरुष व एक च्च्चा कोच में नहीं चढ़ सके। इसी बीच श्रमशक्ति चल दी।

परिजनों के छूटने पर महिला ने कोच के गेट से ही चिल्लाकर परिजनों को बुलाना शुरू कर दिया। कोच में भीड़ अधिक होने के कारण परिजन नहीं चढ़ सके। इसी बीच ट्रेन की स्पीड तेज हुई तो महिला उल्टी दशा में प्लेटफार्म पर उतरने लगी। उसका पैर फिसलकर प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच खाली जगह पर पहुंच गया। महिला के चिल्लाने के दौरान जीआरपी के एसआई शिवसागर, हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव, देवेंद्र ङ्क्षसह, सिपाही अनूप कुमार प्रजापति, विशाल ङ्क्षसह और आनंद कुमार उसी समय कोच के पास पहुंच गए। जैसे ही महिला का पैर फिसला एसआई ने उसे पकड़ लिया।

अन्य सिपाहियों ने भी बिना एक पल गवाएं उसे खींच लिया। इसके बाद गार्ड को वायरलेस से सूचना देकर ट्रेन रुकवाई गई। जीआरपी ने महिला और उनके परिजन को ट्रेन में बिठाकर दिल्ली रवाना किया। एसआई ने बताया कि जब महिला चिल्ला रही थी उसी दौरान लगा था कहीं, वह उतर न जाएं। इसलिए दौड़कर कोच के पास पहुंचे तभी वह उतर गई। जीआरपी पास नहीं होती तो कोई भी हादसा हो सकता था। परिजन ने जीआरपी को धन्यवाद दिया है।

Posted By: Inextlive