अगर छाया और फल के लिए वृक्ष तैयार करने हैं तो पौधे लगाने होंगे. लेकिन जब पौधे लगाने वाला ही कोई नहीं होगा तो वृक्ष की आशा करना बेमानी होगा. कुछ ऐसा ही हाल देश और दुनिया के जाने माने स्टेडियम ग्रीनपार्क का है. ग्रीनपार्क स्टेडियम में एक समय15 से ज्यादा गेम्स की एकेडमी चलती थी जो कि अब नौ गेम्स में सिमटकर रह गई है. कई गेम्स ऐसे हैं जिनके लिए फैसिलिटी तो है लेकिन द्रोणाचार्य यानि कोच के न होने की वजह से एकलव्य तैयार नहीं हो रहे हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। अगर छाया और फल के लिए वृक्ष तैयार करने हैं तो पौधे लगाने होंगे। लेकिन जब पौधे लगाने वाला ही कोई नहीं होगा तो वृक्ष की आशा करना बेमानी होगा। कुछ ऐसा ही हाल देश और दुनिया के जाने माने स्टेडियम ग्रीनपार्क का है। ग्रीनपार्क स्टेडियम में एक समय15 से ज्यादा गेम्स की एकेडमी चलती थी जो कि अब नौ गेम्स में सिमटकर रह गई है। कई गेम्स ऐसे हैं, जिनके लिए फैसिलिटी तो है लेकिन द्रोणाचार्य यानि कोच के न होने की वजह से एकलव्य तैयार नहीं हो रहे हैं। आशा थी कि समर वैकेशन शुरू होने से पहले कोच मिल जाएंगे लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।

दावों की कड़वी हकीकत
दो से चार साल पहले सुबह और शाम ग्रीनपार्क में जमकर निशाने लगते थे और फुटबाल पर किक लगाकर गोल किए जाते थे। इसके अलावा मैदान पर कबड्डी, जूडो, वूशू, एथलेटिक्स और ताइक्वांडो समेत कई गेम्स के द्रोणाचार्य अपने ज्ञान और अनुभव से देश के लिए एकलव्य तैयार करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इनमें से कई गेम्स के लिए परमानेंट कोच ही नहीं है। जिससे सीखने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी लगातार गिर रही है। एक तरफ सरकार स्पोट्र्स को बढ़ावा देने के लिए बड़े बड़े दावे करती है लेकिन दूसरी तरफ जमीनी हकीकत आपके सामने हैं।

शूटिंग रेंज में ताला
स्पोट्र्स डिपार्टमेंट की ओर से संचालित सिटी के ग्रीनपार्क स्टेडियम के अंदर शूटिंग सीखने वालों के लिए शूटिंग रेंज बनी है। कुछ साल पहले तक इस रेंज में निशानेबाज तैयार होते थे। रियलिटी चेक में रेंज में ताला बंद मिला। बताया गया कि यहां पर 10 मीटर की शूटिंग रेंज है। लेकिन बीते कई सालों से कोच न होने के चलते यहां पर निशाना लगना बंद है। हालांकि कोई प्रैक्टिस करने के लिए आ जाता है तो ताला खुल जाता है। लेकिन सीखने वालों के लिए यहां का ताला बंद रहता है।

इंटर्न के सहारे लग रही किक
ग्राउंड में दोनो ओर आमने सामने फुटबाल गोल नेट लगा हुआ है। नेट की हालत काफी खराब है। नेट का वास्तविक रंग बदलकर मटमैला हो चुका है। नजारा देखकर समझ में आता है कि कभी यहां पर दोनो ओर फुटबाल प्लेयर किक लगाकर गोल करते होंगे। लेकिन आखिरी समय कोच के डायरेक्शन में आखिरी किक कब लगाकर गोल किया गया होगा, यह बताने वाला कोई नहीं है। हालांकि 37 स्टूडेंट्स बिना एनआईएस की ओर से भेजे गए इंटर्न के सहारे फुटबाल सीखने आते हैैं।

820 स्टूडेंट एकेडमी में
कोरोना के पहले अगर सीखने वालों की संख्या की बात की जाए तो वह चार डिजिट (हजारों) में थी जो कि अब सिमटकर तीन डिजिट में सिमटकर रह गई है। इस समय मार्निंग वॉकर को मिलाकर 820 लोग यहां एकेडमी में आते हैैं।

235 रुपए है फीस
अगर आप ग्रीनपार्क में किसी गेम की कोचिंग लेना चाहते हैैं तो उसकी फीस 235 रुपए है। इंडोर गेम्स की फीस 335 रुपए है। यह फीस एक सेशन के लिए है। अगर सेशन की बात करें तो वह 31 मार्च तक चलता है। एक अप्रैल से नया सेशन शुरू हो जाता है। इस समय सुबह 5.30 से 8.30 और शाम को चार से सात बजे तक एकेडमी चल रही है।

चल रहे गेम्स और रजिस्टर स्टूडेंट

क्रिकेट - 271
बैडमिंटन - 130
टेबल टेनिस - 66
वालीबॉल - 54
बाक्सिंग - 44
रेसलिंग - 35
हॉकी - 41
वेटलिफ्टिंग - 31
बास्केटबाल - 67
फुटबाल - 37
मार्निंग वॉकर - 44
टोटल - 820

Posted By: Inextlive