Kanpur News: टैक्स इंस्पेक्टर का 25 हजार की घूस लेते वीडियो वायरल
कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम में में नामांतरण और हाउसटैक्स के नाम पर टैक्स इंस्पेक्टर जमकर मनमानी कर रहे हैं। काम कैसा भी हो, बस उनकी जेब गर्म कीजिए, काम हो जाएगा। वरना काटते रहिए चक्कर। नगर निगम जोन-6 में तैनात टैक्स इंस्पेक्टर का 25 हजार की रिश्वत लेते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। ये रकम नामांतरण और डिवीजन करने के नाम पर लेने का दावा किया जा रहा है। पीडि़त ने वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। साथ ही नगर आयुक्त से मामले की लिखित शिकायत भी की है। मामला 2 जुलाई का है।
उच्चाधिकारियों के नाम पर
मसवानपुर निवासी रजनीश कुमार राजपूत विश्व हिंदू परिषद के जिला संपर्क प्रमुख हैं। उनका आरोप है कि पैतृक मकान के नामांतरण और डिवीजन करने के लिए उन्होंने 2023 में नगर निगम में आवेदन किया था। इसे करने के लिए टैक्स इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने उनसे 25 हजार की रिश्वत मांगी। रजनीश ने बताया-पैतृक मकान में तीन हाउस टैक्स के बिल आते थे। टैक्स इंस्पेक्टर ने कहा जो बिल सबसे ज्यादा हो वो जमा कर दो, बाकी बिल ठीक हो जाएंगे। इस पर उन्होंने 53 हजार का बिल जमा कर दिया। इसके बाद भी बिल आना बंद नहीं हुआ। इसके बाद टैक्स इंस्पेक्टर ने घर का निरीक्षण किया और 82 हजार रुपए का बिल बना दिया। परेशान होकर रिश्वत देनी पड़ी। इंस्पेक्शन का कहना था कि ऊपर अधिकारियों को देना पड़ेगा तभी काम हो पाएगा।
रजनीश के मुताबिक, 2 जुलाई को मसवानपुर स्थित नगर निगम ऑफिस जाकर टैक्स इंस्पेक्टर को 25 हजार रुपए दे दिए। इस दौरान उनके साथी ने निरीक्षक का रिश्वत लेते वीडियो भी बना लिया। मंगलवार यानी 22 अक्टूबर को पीडि़त ने वीडियो वायरल कर शिकायत नगर आयुक्त से की है। पीडि़त रजनीश ने बताया कि 2023 में उन्होंने नामांतरण और डिवीजन की एप्लीकेशन दी थी। मामले में रिश्वत की मांग करने पर उन्होंने पूर्व पार्षद जितेंद्र गांधी और जोनल अफसर राजेश गुप्ता से शिकायत की थी। शिकायत पर भडक़े टैक्स इंस्पेक्टर काम करने के बजाए लगातार दौड़ाते रहे।
पद से हटाया, जांच शुरू
रजनीश के मुताबिक, वो चक्कर लगा लगा कर थक गए लेकिन काम नहीं हुआ। आखिर मजबूर होकर आखिर में 2 जुलाई को टैक्स इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह को 25 हजार रुपए की रिश्वत दी। इसके बाद ही उनका काम नहीं हो पाया। वहीं मामले में अपर नगर आयुक्त ने बताया कि आरोपी टैक्स इंस्पेक्टर को हटा दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। मामला सही पाया गया तो आगे कार्रवाई की जाएगी।