अगर आप भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज की कैंटीन में समोसा खाने के शौकीन हैं तो यह न्यूज आपके लिए है. जल्द ही आपको अपनी यूनिवर्सिटी की कैंटीन में समोसा नूडल्स आदि जैसी कई अनहेल्दी फूड खाने को नहीं मिलेंगे. इसकी बजाय हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स ॥श्वढ्ढह्य की कैंटीन में अब सिर्फ हेल्दी फूड ही सर्व किये जाएंगे. विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की कैंटीन में दिए जाने वाले फूड आइटम्स को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग त्रष्ट ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है. यूजीसी के सेक्रटरी प्रो. मनीष आर जोशी ने यूनिवर्सिटी के वीसी और कालेजों के प्रिंसिपल्स को लेटर जारी किया है. इसमें निर्देश दिए हैैं कि कैंटीनों में अनहेल्दी फूड्स की सेल को रोकना है.

कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज की कैंटीन में समोसा खाने के शौकीन हैं तो यह न्यूज आपके लिए है। जल्द ही आपको अपनी यूनिवर्सिटी की कैंटीन में समोसा, नूडल्स, आदि जैसी कई अनहेल्दी फूड खाने को नहीं मिलेंगे। इसकी बजाय हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स (॥श्वढ्ढह्य) की कैंटीन में अब सिर्फ हेल्दी फूड ही सर्व किये जाएंगे। विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों की कैंटीन में दिए जाने वाले फूड आइटम्स को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (त्रष्ट) ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। यूजीसी के सेक्रटरी प्रो। मनीष आर जोशी ने यूनिवर्सिटी के वीसी और कालेजों के प्रिंसिपल्स को लेटर जारी किया है। इसमें निर्देश दिए हैैं कि कैंटीनों में अनहेल्दी फूड्स की सेल को रोकना है। इसके स्थान पर हेल्दी फूड्स को आप्शंस के तौर पर रखते प्रमोट करना होगा। यूजीसी के निर्देशों के अनुसार स्टूडेंट्स को कैंटीन से वही खाने को मिलेगा जो हेल्दी होगा।

चार में से एक को मोटापा या डायबिटीज

यूजीसी ने वीसी और प्रिंसिपल्स को जारी किए गए लेटर की शुरुआत में कहा कि गुड हेल्थ मानवता के लिए एक मौलिक विशेषाधिकार है। आईसीएमआर रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार देश में तेजी से डिसीज में तेजी आ रही है। चार में से एक व्यक्ति मोटापे, प्री डायबेटिक या डायबेटिक है। यह डिसीज अनहेल्दी अल्ट्रा प्रोसेस्ड एचएफएसएस (हाई इन फैट शुगर एंड साल्ट) फूड्स के सेवन से हो रही है। ऐसे में इनकी बिक्री को एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स मेें रोका जाना आवश्यक है।

एनएपीआई ने किया अनुरोध

एजुकेशनल कैंपस की कैंटीन में अनहेल्दी फूड्स की सेल को रोकने के लिए निर्देश नेशनल एडवोकेसी इन पब्लिक इंटरेस्ट (एनएपीआई) के अनुरोध पर जारी किए गए हैैं। लेटर में लिखा है कि बढ़ते मोटापे, डायबिटीज और अन्य नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अनहेल्दी फूड्स की बिक्री को रोकना जरूरी है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड एचएफएसएस फूड पर रोक

कैंटीनों में अल्ट्रा प्रोसेस्ड, एचएफएसएस फूड्स की बिक्री को रोका जाना है। इससे पहले यूजीसी ने 10 नवंबर 2016 और 21 अगस्त 2018 को भी इस तरह के नोटिफेकेशन जारी किए जा चुके हैैं। इस बार के आदेश का उद्देश्य एनसीडी की महामारी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए है। माना जा रहा है कि कम उम्र में ही इनका सेवन शुरू होने से यूथ तरह तरह की डिसीज की चपेत में आ रहा है।

तला और भुना खाना नुकसानदायक

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ। एसके गौतम ने बताया कि ऑयल, घी या रिफाइंड में तली या भुनी हर चीज हाई फैट की कैटेगरी में आती है। इसमें समोसा, खस्ता, भटूरा, पकौड़ी, पकौड़ा, रसगुल्ला, टिक्की, पूड़ी और कचौड़ी आदि शामिल है। इनका सेवन जुबान को तो अच्छा लगता है लेकिन हेल्थ के लिए डिसीज देने का काम करता है। इनको डेली या अक्सर खाने से हार्टअटैक, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, लिवर, ओबेसिटी, सांस फूलना समेत कई डिसीज हो सकती है। इनका सेवन न किया जाए तो ही बेहतर है। इसके अलावा शुगर और नमक को भी अधिक मात्रा में नहीं लेना है।

धड़ल्ले से बिक रहे हाई फैट प्रोडक्ट

यूजीसी के निर्देश के बाद सीएसए, एचबीटीयू और सीएसजेएमयू की कैंटीन में पड़ताल की गई तो यहां हाई फैट प्रोडक्ट धड़ल्ले से बिकते दिखाई पड़े। सीएसए में पनीर पकौड़ा, ब्रेड पकौड़ा और सब्जी पूड़ी मिली। वहीं, एचबीटीयू में समोसा, कटलेट, भटूरा, पूड़ी, खस्ता और पकौड़ा (मिर्च, मिक्स वेज) स्नैक्स में शामिल था। इसके अलावा सीएसजेएमयू में भी समोसा, ब्रेड पकौड़ा, भटूरा, कटलेट, पनीर पकौड़ा, पूड़ी आदि बिक रही थी। यूजीसी के निर्देश जारी होने के बाद अफसरों का कहना है कि मेन्यू चेंज किया जाएगा।

कैंटीन में डेली आने वालों की संख्या
सीएसजेएमयू - 1000-1200
एचबीटीयू - 400-600
सीएसए - 150-250

Posted By: Inextlive